बनभूलपुरा रेलवे भूमि अतिक्रमण मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई अब 16 दिसंबर को होगी। इससे पहले 2 दिसंबर और 10 दिसंबर को सुनवाई निर्धारित थी, लेकिन दोनों तारीखों पर मामले की सुनवाई नहीं हो सकी।
लगातार सुनवाई टलने से जहां स्थानीय लोगों में असमंजस बढ़ा है, वहीं पुलिस और प्रशासन पर सुरक्षा व्यवस्था का भारी बोझ पड़ रहा है।
500 से अधिक पुलिस बल की तैनाती, पैरामिलिट्री रिजर्व में
कोर्ट के संभावित फैसले के मद्देनज़र नैनीताल जिला प्रशासन ने बनभूलपुरा क्षेत्र में भारी पुलिस फोर्स तैनात कर रखी है। करीब 500 पुलिस कर्मियों के साथ-साथ पैरामिलिट्री बल को भी रिजर्व में रखा गया है। जिले के अधिकतर पुलिस अधिकारी और जवान लगातार मौके पर ड्यूटी कर रहे हैं।
सुरक्षा व्यवस्था सख्त रखते हुए ड्रोन से लगातार निगरानी की जा रही है। रामनगर, लालकुआं, कालाढूंगी और पहाड़ी क्षेत्रों के थानों से भी फोर्स को हल्द्वानी बुलाया गया है।
सुरक्षा इंतजाम में रोजाना लाखों का खर्च
क्षेत्र में पुलिस वाहनों की लगातार तैनाती, उनकी ईंधन खपत, जवानों की आवाजाही और सुरक्षा उपकरणों पर भारी खर्च हो रहा है। प्रशासन द्वारा किए जा रहे इन इंतजामों में प्रतिदिन लाखों रुपए खर्च होने का अनुमान है
। वहीं लगातार चेकिंग और पुलिस की मौजूदगी से स्थानीय लोगों को भी आवाजाही में परेशानी झेलनी पड़ रही है।
ये खर्च भी उठाती है सरकार: TA क्लेम का बढ़ा दबाव
एसपी क्राइम जगदीश चंद्र ने बताया कि सुरक्षा के दृष्टिगत बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि नैनीताल जिले के विभिन्न थानों और चौकियों से पुलिसकर्मियों को बुलाया गया है।राजकीय कार्य अधिनियम के अनुसार, कोई पुलिसकर्मी अपने तैनाती स्थल से 8 किलोमीटर दूर ड्यूटी करता है तो वह ट्रैवलिंग अलाउंस (TA) का क्लेम कर सकता है, जिसका भुगतान सरकार द्वारा किया जाता है। ऐसे में TA बिलों का दबाव भी बढ़ रहा है।
सुनवाई फिर टली, प्रशासन अलर्ट मोड पर
लगातार सुनवाई टलने से प्रशासन की चिंता बढ़ गई है क्योंकि सुरक्षा व्यवस्था को स्थिर बनाए रखना अनिवार्य है। हर नई तारीख के साथ सुरक्षा-तैनाती के इंतज़ाम फिर से उसी स्तर पर जारी रखने पड़ रहे हैं।
अब सभी की निगाहें 16 दिसंबर की अगली सुनवाई पर टिकी हैं। प्रशासन ने साफ किया है कि निर्णय आने तक बनभूलपुरा क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था पूर्व की तरह कड़ी बनी रहेगी।


