देहरादून से महंदीपुर बालाजी मंदिर दर्शन के लिए गए एक ही परिवार के चार सदस्यों के शव धर्मशाला के कमरे नंबर 119 में मिले हैं। परिवार में सुरेंद्र कुमार (पिता), कमलेश (मां), नीलम (बहन) और नितिन कुमार (बेटा) शामिल थे। यह घटना 12 जनवरी 2025 को हुई, जब परिवार ने रामकृष्ण धर्मशाला में एक रात का कमरा बुक किया था।
पुलिस को धर्मशाला के कर्मचारी द्वारा सफाई करते वक्त कमरे में चारों शवों के बारे में सूचना मिली। शवों की स्थिति इस प्रकार थी कि दो शव बिस्तर पर, जबकि दो शव जमीन पर पड़े हुए थे। इस घटना के बाद पुलिस ने कमरे को सील कर दिया और एफएसएल टीम को जांच के लिए भेजा। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है, क्योंकि परिवार से जुड़े अन्य लोग अभी तक घटना स्थल तक नहीं पहुंचे हैं।

पुलिस जांच की दिशा: पुलिस इस घटना को विभिन्न पहलुओं से देख रही है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या यह सामूहिक सुसाइड था या फिर किसी ने इस परिवार के सभी सदस्यों की हत्या की? पुलिस सभी दिशाओं में जांच कर रही है, जिसमें भूत-प्रेत का लिंक भी शामिल है, क्योंकि महंदीपुर बालाजी धाम में ऐसे भक्त आते हैं जिनकी विभिन्न परेशानियां होती हैं और यहां पूजाएं की जाती हैं।
इस बीच, पुलिस का कहना है कि परिवार के किसी भी सदस्य को घटना के पहले संदिग्ध स्थिति में नहीं देखा गया था। धर्मशाला के कर्मचारियों के मुताबिक, परिवार की मनोस्थिति सामान्य थी और वे किसी प्रकार के तनाव में नहीं दिखे।
परिवार की पृष्ठभूमि: मृतक परिवार की बेटी की शादी एक पुलिस अधिकारी के भाई से हुई थी, और वर्तमान में महिला अपने मायके में रह रही थी। पति-पत्नी के बीच विवाद चल रहा था, जो इस पूरे घटनाक्रम को और भी जटिल बना रहा है।
फिलहाल, पुलिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की कार्रवाई करेगी और पूरी घटना का खुलासा करने का प्रयास करेगी।