Saturday, September 13, 2025
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बाबा तरसेम सिंह हत्याकांड दो लाख का हत्यारा एक साल बाद गिरफ्तार

उधम सिंह नगर के नानकमत्ता गुरुद्वारा के प्रमुख बाबा तरसेम सिंह हत्याकांड के मुख्य आरोपी सरबजीत सिंह को पुलिस ने एक साल बाद गिरफ्तार कर लिया है। इस अपराधी ने पिछले एक साल में कई ठिकाने बदले और पहचान छिपाने के लिए अपना हुलिया भी बदल दिया था। 28 मार्च 2024 को बाबा तरसेम सिंह की हत्या के बाद सरबजीत सिंह और उसके साथी अमरजीत सिंह बाइक से फरार हो गए थे। जहां अमरजीत को अप्रैल 2024 में हरिद्वार में एनकाउंटर में मार दिया गया था, वहीं सरबजीत भूमिगत हो गया था। उसकी गिरफ्तारी पर पहले 50,00 फिर एक लाख और बाद में दो लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था।

पुलिस के साथ-साथ एसटीएफ भी उसकी तलाश में जुटी हुई थी। पुलिस ने पंजाब में उसके संभावित ठिकानों पर कई बार दबिश दी, लेकिन वह हर बार चकमा देने में सफल हो गया। पुलिस को दो महीने पहले यह जानकारी मिली कि सरबजीत तरनतारन में किसी घर में छिपा हुआ है। इसके बाद एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने इस टास्क को अपने हाथों में लिया और पूरी जानकारी को गोपनीय रखते हुए एक टीम भेजी। पुलिसकर्मियों ने बदल-बदलकर तरनतारन जाकर जानकारी जुटाई और इस टास्क को इतना गोपनीय रखा कि किसी को इसकी भनक भी नहीं लगी।

सरबजीत का आपराधिक इतिहास
सरबजीत सिंह पर कई गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें हत्या, लूट, आर्म्स एक्ट और एनडीपीएस एक्ट जैसे मामले शामिल हैं। उसने पंजाब में 2006 से लेकर 2024 तक विभिन्न स्थानों पर अपराध किए हैं। बाबा तरसेम सिंह की हत्या के मामले में भी उसने 302, 120B और 34 IPC के तहत केस दर्ज कराया गया था।

सोशल मीडिया पर हत्या की जिम्मेदारी ली
इस हत्याकांड के बाद सरबजीत सिंह ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट कर हत्या की जिम्मेदारी ली थी। पोस्ट में दावा किया गया था कि हत्या के बाद वह अकाल तख्त साहिब के सामने पेश होगा और लोकेशन बांग्लादेश के ढाका में स्थित गुरुद्वारा नानकशाही की दी गई थी। हालांकि, यह पोस्ट सरबजीत ने खुद की थी या किसी और ने, यह अब तक स्पष्ट नहीं हो सका।

वारदात की पूरी कहानी
28 मार्च 2024 को सुबह 6:15 बजे सरबजीत सिंह और अमरजीत सिंह बाइक से डेरा कार सेवा पहुंचे थे। यहां सरबजीत बाइक चला रहा था और बाबा तरसेम सिंह को गोली अमरजीत ने मारी। उस समय बाबा परिसर में कुर्सी पर बैठे हुए थे। अमरजीत को उत्तराखंड एसटीएफ और हरिद्वार पुलिस ने 8 अप्रैल 2024 को एनकाउंटर में मार गिराया था, लेकिन सरबजीत सिंह पुलिस के हाथ नहीं आया। अमरजीत की मौत के बाद उसके ठिकाने के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई थी, लेकिन एसएसपी के नेतृत्व में उत्तराखंड पुलिस ने सरबजीत को आखिरकार एक साल बाद गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस की यह गिरफ्तारी एक बड़ी सफलता मानी जा रही है, क्योंकि सरबजीत सिंह पर दो लाख रुपये का इनाम घोषित था और वह पुलिस को लगातार चकमा दे रहा था। पुलिस अब इस हत्याकांड से जुड़े अन्य षड्यंत्रकारियों तक भी पहुंचने में सक्षम हो सकती है।

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