कार्तिक पूर्णिमा के स्नान के बाद अब सीधे बैसाखी, मकर संक्रांति जैसे बड़े स्नान साल 2026 में होंगे
हरिद्वार: साल के अंतिम स्नान कार्तिक पूर्णिमा के दिन हरिद्वार में भक्तों की भारी भीड़ देखते ही बन रही है. सुबह 3:50 के बाद शुरू हुए गंगा स्नान में अब तक लाखों श्रद्धालु डुबकी लगा चुके हैं. चारों तरफ जहां तक नजर जा रही है, वहां पर भक्तों की भारी भीड़ ही दिखाई दे रही है.
कार्तिक पूर्णिमा पर हरिद्वार में उमड़ा आस्था का सैलाब: कार्तिक पूर्णिमा के पावन पर्व पर धर्मनगरी हरिद्वार में आस्था और श्रद्धा का अनोखा संगम देखने को मिल रहा है. बुधवार तड़के से ही गंगा घाटों पर स्नानार्थियों की भीड़ उमड़ पड़ी. हर की पैड़ी से लेकर कुशावर्त, भीमगोड़ा, चंडी और रामघाट तक हर ओर भक्तों का सैलाब दिखाई दिया. दूरदराज़ राज्यों से आए श्रद्धालुओं ने मां गंगा के पवित्र जल में डुबकी लगाकर आत्मिक शांति और मोक्ष की कामना की. कहा जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान से जीवन के समस्त दोष मिटते हैं और सौभाग्य की प्राप्ति होती है.
हरकी पैड़ी पर लाखों भक्त लगा रहे हैं डुबकी: गंगा तटों पर हर-हर गंगे और जय मां गंगे के जयकारों से वातावरण पूरी तरह भक्तिमय हो उठा. हजारों दीपों से सजी गंगा की धारा का दृश्य देखते ही बन रहा था. श्रद्धालुओं ने दीपदान कर परिवार के सुख-समृद्धि की कामना की और भगवान विष्णु व मां गंगा की पूजा-अर्चना की. नारायण शिला मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित मनोज त्रिपाठी ने बताया कि-
पौराणिक मान्यता के अनुसार इसी दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का अंत किया था. तभी से देवताओं ने पवित्र नदियों में स्नान और दान का विधान शुरू किया जो आज भी जारी है.
-मनोज त्रिपाठी, मुख्य पुजारी, नारायण शिला मंदिर-
कार्तिक पूर्णिमा के लिए सुरक्षा सख्त: भीड़ को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा और व्यवस्थाओं को सख्त किया. पूरे मेला क्षेत्र को 11 ज़ोन और 36 सेक्टर में विभाजित कर सुरक्षा बलों को तैनात किया गया. जल पुलिस, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और फ्लड रेस्क्यू टीमें गंगा घाटों पर तैनात हैं. ड्रोन कैमरों और अतिरिक्त सीसीटीवी से हर गतिविधि पर नज़र रखी जा रही है.
हरिद्वार का ट्रैफिक डायवर्ट किया गया: ट्रैफिक प्रबंधन के लिए रूट डायवर्जन और चेकिंग की व्यवस्था की गई है, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी न हो. प्रशासन की मुस्तैदी और समन्वय के चलते पूरा पर्व शांतिपूर्ण और सफलतापूर्वक संपन्न हो रहा है. उम्मीद यही जताई जा रही है कि शाम तक 30 लाख से अधिक श्रद्धालु गंगा में डुबकी लगा लेंगे. गंगा स्नान को देखते हुए हरिद्वार आने वाली सड़कों के रूट को भी परिवर्तित किया गया है. नेशनल हाईवे पर जाम ना लगे, इसके लिए भी अलग से इंतजाम किए गए हैं.
रात में रही देव दीपावली की धूम: मंगलवार रात से ही हर की पैड़ी पर देव दीपावली का आयोजन भी किया गया था, जिसमें लाखों दीपक रंग बिरंगी छटा लिए जगमगाते दिखे. आतिशबाजी से हर की पैड़ी का नजारा देखते ही बन रहा था. कार्तिक पूर्णिमा के स्नान के बाद अब सीधे बैसाखी मकर संक्रांति जैसे बड़े स्नान साल 2026 में होंगे. लिहाजा श्रद्धालु कार्तिक पूर्णिमा के इस पावन अवसर पर डुबकी लगाकर मोक्ष की कामना कर रहे हैं.



