Friday, December 12, 2025
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HomeUttarakhand Newsपिंजरे में फंसते–फंसते बचा आदमखोर, शिकार चट कर भागा गुलदार

पिंजरे में फंसते–फंसते बचा आदमखोर, शिकार चट कर भागा गुलदार

धरगड़ा गांव में दहशत कायम, वन विभाग की बड़ी चूक उजागर

चंपावत। चंपावत जिले के लोहाघाट तहसील के बाराकोट ब्लॉक के धरगड़ा गांव में आतंक का पर्याय बने गुलदार ने एक बार फिर वन विभाग को चकमा दे दिया। बुधवार रात पिंजरे में रखा शिकार तो गुलदार चट कर गया, लेकिन पिंजरे का लॉक फेल होने की वजह से वह आसानी से निकलकर जंगल में गायब हो गया। इससे ग्रामीणों में भारी आक्रोश है और वन महकमा शर्मिंदा।

गुलदार ने ग्रामीण को बनाया था शिकार, दहशत में गांव

मंगलवार, 9 नवंबर की सुबह शौच के लिए निकले ग्रामीण देव सिंह अधिकारी को आदमखोर गुलदार ने मौत के घाट उतार दिया था। घटना के बाद पूरे गांव में दहशत फैल गई। सुरक्षा के लिए वन विभाग ने धरगड़ा गांव व आसपास के क्षेत्रों में तीन पिंजरे लगाए थे।

पिंजरे में घुसा गुलदार, खाया शिकार… लेकिन दरवाज़ा नहीं हुआ लॉक

सुबह जब ग्रामीण पिंजरे के पास पहुंचे तो अंदर रखा शिकार गायब था और पिंजरे का दरवाज़ा आधा खुला मिला। इससे साफ हो गया कि गुलदार पिंजरे में घुसा, शिकार खाया और बिना किसी बाधा के बाहर निकल गया।

ग्रामीणों का आरोप है कि वन विभाग ने ऐसे पिंजरे लगाए जिनके दरवाजे तक ठीक से बंद नहीं हो पा रहे।
“अगर पिंजरा लॉक हो जाता तो आज गांव इस आतंक से छुटकारा पा लेता,” ग्रामीणों ने नाराज़गी जताते हुए कहा।

वन विभाग की ‘एक कदम दूर’ वाली नाकामी

वन विभाग के लिए यह घटना बेहद शर्मिंदगी भरी साबित हुई। गुलदार को पकड़ने की सफलता बस एक कदम दूर रह गई। पिंजरे का मैकेनिज़्म फेल होने से पूरा प्रयास बेकार गया।

रेंजर राजेश जोशी बोले—‘दुर्भाग्यपूर्ण चूक, जारी हैं प्रयास’

रेंजर काली कुमाऊं राजेश जोशी ने बताया—
“गुलदार पिंजरे के अंदर पहुंच गया था लेकिन तकनीकी वजह से दरवाजा बंद नहीं हो पाया। हम लगातार प्रयास कर रहे हैं कि आदमखोर को जल्द पकड़ा जाए। लोगों से सतर्कता बरतने की अपील है।”

स्कूलों का समय बदला, क्षेत्र में गश्त तेज

आदमखोर गुलदार के खुलेआम घूमने से पूरे इलाके में डर का माहौल है।

स्कूलों के समय में बदलाव किया गया है

वन विभाग लगातार गश्त कर रहा है

पिंजरों की संख्या और निगरानी बढ़ाई गई है

ग्रामीणों ने शासन–प्रशासन से मांग की है कि या तो गुलदार को जल्द पकड़ा जाए या आदमखोर घोषित कर कार्रवाई की जाए।

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