देहरादून शहर में लगातार बढ़ रही सड़क कटिंग की शिकायतों ने आखिर जिलाधिकारी सविन बंसल को कड़ा कदम उठाने पर मजबूर कर दिया है। डीएम के निर्देश पर एसडीएम कुमकुम जोशी की अगुवाई में क्यूआरटी टीम ने कई इलाकों में आकस्मिक निरीक्षण किया। जांच में सामने आया कि गेल एजेंसी बिना अनुमति के अलग-अलग स्थानों पर सड़कें खोद रही थी, जबकि अनुमति वाले क्षेत्रों में भी सुरक्षा मानकों की पूरी तरह अनदेखी की गई। इस लापरवाही को देखते हुए डीएम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए गेल की सभी कार्य अनुमतियां तत्काल प्रभाव से रद्द कर दीं और दो महीनों का प्रतिबंध लगा दिया।
रात की अनुमति… दिन में ही सड़कें उखाड़ दीं
जांच टीम के सामने सबसे चौंकाने वाला तथ्य यह आया कि जहां कार्य के लिए केवल रात में खुदाई की अनुमति थी, वहां गेल एजेंसी ने दिन में ही सड़कें खोद डालीं। कई जगहों पर तो किसी प्रकार की बैरिकेडिंग, सुरक्षा या सावधानी संदेश भी नहीं लगाए गए थे। इससे वाहन चालकों और स्थानीय लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
सड़कों पर मलबा… खतरे में राहगीरों की सुरक्षा क्यूआरटी टीम ने रिस्पना-आराघर चौक, कारगी-मोथरोवाला रोड, दून यूनिवर्सिटी रोड, शिमला बाईपास सहित कई मुख्य इलाकों का निरीक्षण किया। ज्यादातर स्थानों पर पाया गया कि सड़कें खोदने के बाद मलबा वहीं छोड़ दिया गया है, जिससे रास्ते संकरे हो गए और हादसे का खतरा बढ़ गया। स्थानीय लोग लंबे समय से शिकायत कर रहे थे कि दिन-रात चलने वाले इन कार्यों से आवाजाही मुश्किल हो गई है। जगह-जगह गड्ढे और अव्यवस्थित मलबा शहर की सुरक्षा और यातायात दोनों के लिए खतरा बन गए हैं।
अनुमति निरस्त, 2 माह का प्रतिबंध
जांच रिपोर्ट सामने आने के तुरंत बाद जिलाधिकारी ने कठोर कार्रवाई करते हुए गेल की सभी सक्रिय अनुमतियां रद्द कर दीं। साथ ही एजेंसी को आगे के दो महीनों तक किसी भी प्रकार की सड़क कटिंग अनुमति नहीं मिलेगी। डीएम कार्यालय ने साफ कहा है कि सार्वजनिक सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
एक दिन में मलबा हटाने के निर्देश
क्यूआरटी टीम ने मौके पर मौजूद गेल एजेंसी के प्रबंधक को आदेश दिया कि-
- सभी स्थानों से मलबा 24 घंटे के भीतर हटाया जाएं।
- सड़कें सुरक्षित स्थिति में जैसी थीं वैसी बहाल की जाएं।
- यह सुनिश्चित किया जाए कि यातायात में किसी भी तरह की बाधा न आए।
जिला प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि नियमों का उल्लंघन करने वाली किसी भी एजेंसी पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में एफआईआर की कार्रवाई भी तय मानी जा रही है, क्योंकि रिपोर्ट में सुरक्षा मानकों की गंभीर अनदेखी दर्ज की गई है।


