देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में आयोजित जड़ी-बूटी सलाहकार समिति की बैठक में हर्बल सेक्टर में नवाचार, वैल्यू एडिशन और मार्केटिंग को बढ़ावा देने पर जोर दिया। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि गांवों में क्लस्टर बनाकर हर्बल क्षेत्र में व्यवस्थित रूप से कार्य किया जाए तथा उच्च हिमालयी क्षेत्रों में उपलब्ध औषधीय उत्पादों के संवर्धन पर विशेष ध्यान दिया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जड़ी-बूटी और एरोमा सेक्टर में अग्रणी दो राज्यों की बेस्ट प्रैक्टिसेज का अध्ययन करने के लिए विशेषज्ञ टीम भेजी जाएगी, जिससे उत्तराखंड में भी इन नवाचारों को लागू किया जा सके। उन्होंने कहा कि हर्बल क्षेत्र के टर्नओवर बढ़ाने के लिए अनुसंधान, नवाचार, उत्पादन, विपणन और ब्रांडिंग पर एकजुट होकर काम किया जाए।
उन्होंने कहा कि हिमालयी क्षेत्र प्राकृतिक हर्बल संपदा का केंद्र है और राज्य में हर्बल इकोनॉमी को विकसित करना सरकार की प्राथमिकता है। इससे किसानों को अधिक लाभ, स्थानीय स्तर पर स्वरोजगार और महिलाओं को आर्थिकी से जोड़ने में मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री ने हर्बल उत्पादों की वैल्यू एडिशन, प्रसंस्करण और प्रशिक्षण के लिए पंतनगर विश्वविद्यालय से सहयोग लेने के निर्देश भी दिए।
सीएम धामी ने कहा कि जिन क्षेत्रों में भालू और अन्य जंगली जानवरों से जनजीवन प्रभावित हो रहा है, वहां कृषि और वन विभाग की संयुक्त टीमें भेजी जाएं, जो लोगों को सुरक्षा और फसल संरक्षण संबंधी जानकारी प्रदान करें।
बैठक में जड़ी-बूटी शोध एवं विकास संस्थान के निदेशक डॉ. अभिषेक त्रिपाठी ने अनुसंधान, दुर्लभ औषधीय प्रजातियों के संरक्षण, उत्पादन और प्रशिक्षण कार्यक्रमों की विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की। बैठक में कृषि मंत्री गणेश जोशी, समिति के उपाध्यक्ष भुवन विक्रम डबराल, बलवीर घुनियाल, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, सचिव एस.एन. पांडेय, वी. षणमुगम, अपर सचिव विजय कुमार जोगदंडे, वंदना, अनुराधा पाल सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।


