Sunday, December 7, 2025
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पौड़ी गढ़वाल मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सोशल मीडिया पर बने चर्चा का केंद्र

पौड़ी गढ़वाल मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सोशल मीडिया पर बने चर्चा का केंद्र मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शहीद स्मरण समारोह में की 102.82 करोड़ की विकास योजनाओं की सौगात

रिखणीखाल (पौड़ी गढ़वाल)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को राजकीय इंटर कॉलेज रिखणीखाल में आयोजित शहीद स्मरण समारोह में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कुल 102.82 करोड़ रुपये की लागत से 11 विकास योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। इनमें 56.58 करोड़ रुपये की छह योजनाओं का लोकार्पण एवं 46.24 करोड़ रुपये की पांच योजनाओं का शिलान्यास शामिल रहा।

मुख्यमंत्री की घोषणाएँ

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री धामी ने कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ कीं, जिनमें शामिल हैं —

  • राजकीय इंटर कॉलेज रिखणीखाल का नाम श्री गुणानंद के नाम पर रखना।

  • विकासखंड रिखणीखाल में दलमोटा से बल्ली तक सड़क निर्माण।

  • प्रेक्षागृह, अतिथि गृह और हैलीपैड का निर्माण कार्य।

  • जयहरीखाल में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थापना।

  • रिखणीखाल व नैनीडांडा क्षेत्र में पंपिंग योजनाओं का निर्माण।

  • विभिन्न ग्रामीण सड़कों का चौड़ीकरण व सुधार कार्य

  • सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रिखणीखाल में डॉक्टरों की नियुक्ति

  • अमर शहीदों के नाम पर मोटर मार्गों का नामकरण।

स्थानीय संस्कृति से जुड़ाव

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर विभागीय स्टॉलों का निरीक्षण किया। उन्होंने ओखली में धान कूटा, सिलबट्टे पर चटनी पीसी और मट्ठा बिलोने जैसी पारंपरिक गतिविधियों में भाग लेकर स्थानीय संस्कृति के प्रति अपनापन जताया। उन्होंने कहा कि आज पहाड़ी उत्पादों की मांग देश-विदेश में बढ़ रही है, और स्थानीय लोग स्वरोजगार अपनाकर अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत करें।

शहीदों के सम्मान में सरकार की पहल

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कार्यक्रम शहीदों के प्रति सामूहिक श्रद्धांजलि का प्रतीक है। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड के वीर सैनिकों ने सदैव भारत माता का मस्तक ऊँचा किया है। राज्य सरकार शहीदों और उनके परिजनों के कल्याण के लिए कई कदम उठा रही है —

  • अनुग्रह राशि ₹10 लाख से बढ़ाकर ₹50 लाख की गई।

  • परमवीर चक्र एवं अन्य सम्मानित सैनिकों की पुरस्कार राशि में वृद्धि।

  • शहीदों के अंतिम संस्कार हेतु ₹10,000 की सहायता राशि

  • भूमि क्रय पर 25% तक की स्टांप ड्यूटी छूट

  • 28 परिजनों को सरकारी सेवा में नियुक्ति, 13 मामलों पर प्रक्रिया जारी।

  • नियुक्ति आवेदन की समयसीमा 2 वर्ष से बढ़ाकर 5 वर्ष की गई।

मुख्यमंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा वन रैंक वन पेंशन, आधुनिक उपकरण, जैकेट और जूते जैसी सुविधाएँ सैनिकों को प्रदान की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि देहरादून में बन रहा भव्य सैन्य धाम शीघ्र ही लोकार्पित किया जाएगा।

विकास के नए आयाम

मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि पौड़ी जनपद में विकास कार्य तेजी से हो रहे हैं —

  • कंडोलिया में 100 मीटर ऊँचा तिरंगा और पूर्व सीडीएस जनरल बिपिन रावत पार्क का निर्माण।

  • चारधाम पैदल मार्ग का पुनः संचालन।

  • ट्राइडेंट पार्क, सतपुली झील, धारी देवी पैदल मार्ग, और हेरिटेज कलेक्ट्रेट भवन का निर्माण कार्य प्रगति पर है।

उन्होंने कहा कि सरकार क्षेत्रवाद और जातिवाद से ऊपर उठकर राज्य के सर्वांगीण विकास के लिए कार्य कर रही है। समान नागरिक संहिता (UCC), नकल विरोधी कानून, दंगा विरोधी अधिनियम, और ऑपरेशन कालनेमि जैसे ऐतिहासिक कदमों से प्रदेश में सुशासन की नई मिसाल कायम हुई है।

सम्मान और आभार

विधायक महंत दिलीप रावत ने मुख्यमंत्री का आभार जताते हुए कहा कि सैन्य धाम उत्तराखंड के गौरव को नई ऊँचाइयों पर ले जाएगा। उन्होंने मुख्यमंत्री द्वारा पारदर्शी शासन, नकल विरोधी कानून और UCC लागू करने जैसे कदमों की सराहना की।

इस अवसर पर एडम बटालियन कमांडर कर्नल मंजुल कफल्टिया ने कहा कि भारतीय सेना सदैव शहीदों के परिजनों के साथ खड़ी है और किसी भी समस्या के लिए परिजन गढ़वाल राइफल्स केंद्र, लैंसडाउन से संपर्क कर सकते हैं।

कार्यक्रम में उपस्थित प्रमुख अतिथि

कार्यक्रम में उपाध्यक्ष गौ सेवा आयोग पं. राजेंद्र अण्थवाल, जिला पंचायत सदस्य अनूप पटवाल, ब्लॉक प्रमुख रेणु रावत, प्रमुख रणवीर सजवाण, जिलाधिकारी स्वाति एस. भदौरिया, एसएसपी लोकेश्वर सिंह समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

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नारायण परगाई – उत्तराखंड के डिजिटल पत्रकारिता के अग्रदूत पूरा नाम: नारायण परगाई जन्म स्थान: देहरादून, उत्तराखंड पेशा: वरिष्ठ पत्रकार, डिजिटल मीडिया विशेषज्ञ, सामाजिक विश्लेषक प्रसिद्धि: उत्तराखंड के पहले डिजिटल न्यूज़ पोर्टल के संस्थापक, सोशल मीडिया पत्रकारिता के जनक परिचय नारायण परगाई उत्तराखंड की पत्रकारिता जगत का एक जाना-पहचाना नाम हैं। देहरादून से आने वाले इस वरिष्ठ पत्रकार ने राज्य में डिजिटल पत्रकारिता की नींव रखने का कार्य किया। वे उन पहले पत्रकारों में शामिल हैं जिन्होंने समाचार को प्रिंट और टीवी की सीमाओं से बाहर निकालकर डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाया। इस दिशा में उन्होंने उत्तराखंड का पहला डिजिटल न्यूज़ पोर्टल शुरू किया, जिसने राज्य में ऑनलाइन खबरों की परंपरा को जन्म दिया। पत्रकारिता में योगदान नारायण परगाई जी को अक्सर “सोशल मीडिया का जनक” कहा जाता है क्योंकि उन्होंने न केवल सोशल प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से समाचारों का प्रसार किया, बल्कि आम जनता को सूचना और संवाद के नए युग से जोड़ा। उनकी रिपोर्टिंग शैली तथ्यपरक, सामाजिक सरोकारों से जुड़ी और तकनीकी दृष्टि से आधुनिक मानी जाती है। उन्होंने समय-समय पर उत्तराखंड के सामाजिक, राजनीतिक और प्रशासनिक मुद्दों पर बेबाक लेखन किया है। उनके सुझाव और विश्लेषण न केवल पत्रकारों बल्कि सरकारी विभागों के लिए भी मार्गदर्शक सिद्ध होते हैं। नवाचार और तकनीकी दृष्टि नारायण परगाई जी नए विचारों और तकनीकी रुझानों को अपनाने के लिए जाने जाते हैं। वे निरंतर डिजिटल मीडिया, सोशल नेटवर्किंग, और नई पत्रकारिता तकनीकों पर कार्य कर रहे हैं। नई जानकारी, जनहितकारी विषयों और शासन-प्रशासन से जुड़ी खबरों को आधुनिक प्रस्तुति देने में उनकी विशेष पहचान है। प्रभाव और प्रेरणा देहरादून और पूरे उत्तराखंड में पत्रकारिता से जुड़े युवा नारायण परगाई को प्रेरणा स्रोत मानते हैं। उनकी कार्यशैली में ईमानदारी, तत्परता और नवीनता का समावेश है। वे मानते हैं कि “समाचार सिर्फ खबर नहीं, समाज को जोड़ने का माध्यम है।” उपलब्धियाँ और सम्मान उत्तराखंड में पहला डिजिटल न्यूज़ पोर्टल शुरू करने वाले पत्रकार सोशल मीडिया आधारित पत्रकारिता को मुख्यधारा में लाने का श्रेय कई समाचार संस्थानों व सामाजिक संगठनों द्वारा पत्रकारिता में नवाचार हेतु सम्मानित राज्य में डिजिटल जागरूकता और पारदर्शिता को बढ़ावा देने में अग्रणी भूमिका निष्कर्ष नारायण परगाई न सिर्फ एक पत्रकार हैं, बल्कि उत्तराखंड में डिजिटल सोच और मीडिया क्रांति के प्रतीक हैं। उनकी पहल ने यह साबित किया कि सच्ची पत्रकारिता समय के साथ बदल सकती है, लेकिन उसका उद्देश्य हमेशा एक ही रहता है — “सत्य को समाज तक पहुँचाना।”
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