Sunday, December 7, 2025
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सहकारिता से समृद्धि की ओर बढ़ता उत्तराखंड: मुख्यमंत्री धामी

सहकारिता से समृद्धि की ओर बढ़ता उत्तराखंड: मुख्यमंत्री धामी

सहकारिता मेला बना महिला सशक्तिकरण और ग्रामीण विकास का सशक्त मंच

श्रीनगर (गढ़वाल), मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को श्रीनगर के आवास विकास मैदान में आयोजित नौ दिवसीय सहकारिता मेले में प्रतिभाग किया। उन्होंने स्थानीय उत्पादों की प्रदर्शनी का अवलोकन कर स्वयं सहायता समूहों और काश्तकारों के प्रयासों की सराहना की।

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि उत्तराखंड सहकारिता के माध्यम से ग्रामीण विकास, महिला सशक्तिकरण और आर्थिक आत्मनिर्भरता की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने सहकारिता को सामाजिक एकता और आर्थिक स्वावलंबन की आधारशिला बताया।

मुख्यमंत्री ने दिए कई महत्वपूर्ण तथ्य और घोषणाएं:

  • राज्य में अब तक 671 सहकारी समितियों का कंप्यूटरीकरण किया जा चुका है।
  • 3838 समितियों के अभिलेख राष्ट्रीय सहकारी पोर्टल पर ऑनलाइन अपलोड किए गए हैं।
  • किसानों से मंडुवा की खरीद अब ₹48.86 प्रति किलो की दर से, 5.50 रुपये की बढ़ोतरी के साथ की जा रही है।
  • महिला स्वयं सहायता समूहों को ₹5 लाख तक का ब्याजमुक्त ऋण और किसानों को ₹3 लाख तक की ऋण सुविधा दी जा रही है।
  • सहकारी बैंकों में ₹16,000 करोड़ की जमा पूंजी सरकार के प्रति जनविश्वास का प्रतीक है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि “लखपति दीदी” अभियान के माध्यम से राज्य की महिलाएं न केवल आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन रही हैं, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘उत्तराखंड का दशक’ वाले दृष्टिकोण को भी साकार कर रही हैं।

राज्य सरकार की प्रमुख उपलब्धियाँ भी रेखांकित की गईं:

  • समान नागरिक संहिता लागू करने वाला देश का पहला राज्य बना उत्तराखंड।
  • नकल विरोधी कानून से परीक्षा पारदर्शिता सुनिश्चित, 100 से अधिक नकल माफिया जेल भेजे गए।
  • सीवर और जलापूर्ति परियोजना के लिए श्रीनगर की डीपीआर स्वीकृति के लिए तैयार।
  • भू-कानून के माध्यम से राज्य की भूमि और संस्कृति की सुरक्षा सुनिश्चित की गई है।

मंच से हुआ महिला समूहों को प्रोत्साहन:

मुख्यमंत्री और सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने विभिन्न स्वयं सहायता समूहों को horticulture, poultry, dairy और कृषि उपकरणों के लिए 5-5 लाख रुपये के चेक वितरित किए। गुच्छी उत्पादन तकनीक के लिए नवीन पटवाल को सम्मानित किया गया।

सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के अनुसार:

  • राज्य में वर्तमान में 31 लाख लोग सहकारिता से जुड़े, लक्ष्य 50 लाख तक ले जाने का।
  • 16 लाख किसानों को ब्याजमुक्त ऋण वितरित किया गया।
  • श्रीनगर मेला में 35 लाख का महिला व्यापार, कुल व्यापार 1 करोड़ रुपये के करीब।
  • कॉपरेटिव सेक्टर ₹30 करोड़ के लाभ में

डॉ. रावत ने यह भी घोषणा की कि 1500 एलटी शिक्षकों को जल्द नियुक्ति पत्र वितरित किए जाएंगे, जिससे राज्य में रोजगार देने का आंकड़ा 26,500 के पार पहुंच जाएगा।

मुख्यमंत्री ने दिया आत्मनिर्भरता और स्वदेशी का संदेश:

उन्होंने सभी नागरिकों से आह्वान किया कि वे स्थानीय उत्पादों का उपयोग करें और सहकारिता को ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ बनाने में भागीदारी निभाएं।

उपस्थित गणमान्य व्यक्तित्व:

कार्यक्रम में विधायक राजकुमार पोरी, जिला पंचायत अध्यक्ष रचना बुटोला, जिलाधिकारी स्वाति एस. भदौरिया, एसएसपी लोकेश्वर सिंह सहित अनेक अधिकारी, जनप्रतिनिधि एवं सहकारिता से जुड़े लोग उपस्थित रहे।

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नारायण परगाई – उत्तराखंड के डिजिटल पत्रकारिता के अग्रदूत पूरा नाम: नारायण परगाई जन्म स्थान: देहरादून, उत्तराखंड पेशा: वरिष्ठ पत्रकार, डिजिटल मीडिया विशेषज्ञ, सामाजिक विश्लेषक प्रसिद्धि: उत्तराखंड के पहले डिजिटल न्यूज़ पोर्टल के संस्थापक, सोशल मीडिया पत्रकारिता के जनक परिचय नारायण परगाई उत्तराखंड की पत्रकारिता जगत का एक जाना-पहचाना नाम हैं। देहरादून से आने वाले इस वरिष्ठ पत्रकार ने राज्य में डिजिटल पत्रकारिता की नींव रखने का कार्य किया। वे उन पहले पत्रकारों में शामिल हैं जिन्होंने समाचार को प्रिंट और टीवी की सीमाओं से बाहर निकालकर डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाया। इस दिशा में उन्होंने उत्तराखंड का पहला डिजिटल न्यूज़ पोर्टल शुरू किया, जिसने राज्य में ऑनलाइन खबरों की परंपरा को जन्म दिया। पत्रकारिता में योगदान नारायण परगाई जी को अक्सर “सोशल मीडिया का जनक” कहा जाता है क्योंकि उन्होंने न केवल सोशल प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से समाचारों का प्रसार किया, बल्कि आम जनता को सूचना और संवाद के नए युग से जोड़ा। उनकी रिपोर्टिंग शैली तथ्यपरक, सामाजिक सरोकारों से जुड़ी और तकनीकी दृष्टि से आधुनिक मानी जाती है। उन्होंने समय-समय पर उत्तराखंड के सामाजिक, राजनीतिक और प्रशासनिक मुद्दों पर बेबाक लेखन किया है। उनके सुझाव और विश्लेषण न केवल पत्रकारों बल्कि सरकारी विभागों के लिए भी मार्गदर्शक सिद्ध होते हैं। नवाचार और तकनीकी दृष्टि नारायण परगाई जी नए विचारों और तकनीकी रुझानों को अपनाने के लिए जाने जाते हैं। वे निरंतर डिजिटल मीडिया, सोशल नेटवर्किंग, और नई पत्रकारिता तकनीकों पर कार्य कर रहे हैं। नई जानकारी, जनहितकारी विषयों और शासन-प्रशासन से जुड़ी खबरों को आधुनिक प्रस्तुति देने में उनकी विशेष पहचान है। प्रभाव और प्रेरणा देहरादून और पूरे उत्तराखंड में पत्रकारिता से जुड़े युवा नारायण परगाई को प्रेरणा स्रोत मानते हैं। उनकी कार्यशैली में ईमानदारी, तत्परता और नवीनता का समावेश है। वे मानते हैं कि “समाचार सिर्फ खबर नहीं, समाज को जोड़ने का माध्यम है।” उपलब्धियाँ और सम्मान उत्तराखंड में पहला डिजिटल न्यूज़ पोर्टल शुरू करने वाले पत्रकार सोशल मीडिया आधारित पत्रकारिता को मुख्यधारा में लाने का श्रेय कई समाचार संस्थानों व सामाजिक संगठनों द्वारा पत्रकारिता में नवाचार हेतु सम्मानित राज्य में डिजिटल जागरूकता और पारदर्शिता को बढ़ावा देने में अग्रणी भूमिका निष्कर्ष नारायण परगाई न सिर्फ एक पत्रकार हैं, बल्कि उत्तराखंड में डिजिटल सोच और मीडिया क्रांति के प्रतीक हैं। उनकी पहल ने यह साबित किया कि सच्ची पत्रकारिता समय के साथ बदल सकती है, लेकिन उसका उद्देश्य हमेशा एक ही रहता है — “सत्य को समाज तक पहुँचाना।”
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