राजधानी देहरादून में अवैध प्लॉटिंग के खिलाफ मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) ने एक बार फिर बड़ा एक्शन लिया है। प्राधिकरण ने बिना स्वीकृति विकसित की जा रही कॉलोनियों पर सख्ती दिखाते हुए सेरगढ़ माजरी ग्रांट क्षेत्र में करीब 20 बीघा भूमि पर की जा रही अवैध प्लॉटिंग को ध्वस्त कर दिया। इस कार्रवाई से अवैध कॉलोनियां विकसित करने वालों में हड़कंप मच गया है।
अवैध प्लॉटिंग बर्दाश्त नहीं-MDDA मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण की ओर से साफ किया गया है कि प्राधिकरण क्षेत्र में किसी भी प्रकार की अवैध प्लॉटिंग, बिना मानचित्र स्वीकृति निर्माण और भूमि उपयोग परिवर्तन को किसी भी हाल में स्वीकार नहीं किया जाएगा। यह कार्रवाई नियोजित शहरी विकास, पर्यावरण संरक्षण और आम नागरिकों के हितों को ध्यान में रखते हुए लगातार की जा रही है। प्राधिकरण की प्रवर्तन टीमें क्षेत्र में लगातार निगरानी कर रही हैं और नियमों का उल्लंघन पाए जाने पर तत्काल कार्रवाई की जा रही है।
सेरगढ़ माजरी ग्रांट में 20 बीघा क्षेत्र ध्वस्त प्रवर्तन कार्रवाई के तहत पवन, अमित, गोविंद और अन्य द्वारा हरिद्वार रोड, डोईवाला स्थित सेरगढ़ माजरी ग्रांट क्षेत्र में लगभग 20 बीघा भूमि पर की जा रही अवैध प्लॉटिंग को ध्वस्त किया गया। मौके पर बिना किसी वैधानिक अनुमति के सड़कें काटने, भूखंडों का विभाजन करने और कॉलोनी विकसित करने की गतिविधियां पाई गईं। इसके बाद एमडीडीए की टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए अवैध निर्माण और संरचनाओं को बुलडोजर से गिरा दिया।
एमडीडीए के उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने कहा कि प्राधिकरण क्षेत्र में अवैध प्लॉटिंग के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई गई है। बिना लेआउट और मानचित्र स्वीकृति के विकसित की जा रही कॉलोनियां न केवल कानून का उल्लंघन हैं, बल्कि भविष्य में आम लोगों के लिए बड़ी समस्याएं भी खड़ी करती हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि आगे भी इस तरह की सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।
एमडीडीए की यह कार्रवाई साफ संकेत है कि देहरादून और आसपास के क्षेत्रों में अवैध प्लॉटिंग करने वालों के लिए अब कोई जगह नहीं है। प्राधिकरण की सख्ती से जहां भूमाफियाओं में खलबली है, वहीं आम नागरिकों को नियोजित और सुरक्षित शहरी विकास का भरोसा भी मिल रहा है।


