भारत के 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर शुक्रवार को मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सचिवालय परिसर में आयोजित कार्यक्रम में ध्वजारोहण कर राष्ट्रध्वज को नमन किया। इस अवसर पर उन्होंने सभी अधिकारियों, कर्मचारियों एवं बच्चों को राष्ट्रीय पर्व की शुभकामनाएं दीं।
मुख्य सचिव ने देश की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले ज्ञात एवं अज्ञात वीरों को नमन करते हुए कहा कि आज का दिन उन असंख्य बलिदानियों की स्मृति में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने का अवसर है, जिनके त्याग और समर्पण के कारण हमें स्वतंत्रता मिली।
उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य ‘विकसित भारत 2047’ के लक्ष्य की प्राप्ति हेतु पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रहा है। यह लक्ष्य केवल एक संकल्प नहीं, बल्कि राज्य के सतत प्रयासों और कठिन परिश्रम का प्रतिबिंब है। राज्य ने हाल के वर्षों में विभिन्न क्षेत्रों में महत्त्वपूर्ण उपलब्धियाँ अर्जित की हैं, जिससे हम सशक्त उत्तराखण्ड की दिशा में तेजी से अग्रसर हैं।
मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य की महिला शक्ति और युवा वर्ग की सक्रिय भागीदारी से उत्तराखण्ड को देश के श्रेष्ठतम राज्यों की श्रेणी में लाना संभव हो रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अपेक्षा के अनुरूप वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के प्रयासों में उत्तराखण्ड की भूमिका को रेखांकित करते हुए राज्य को मैन्युफैक्चरिंग हब, स्किल हब, आयुष प्रदेश और वैश्विक पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया।
उन्होंने कहा कि पहाड़ी फसलें, मोटे अनाज और स्थानीय उत्पाद राज्य की आजीविका को मजबूती देने में सक्षम हैं। छोटे और मध्यम किसानों को सशक्त बनाने के लिए राज्य सरकार गंभीर प्रयास कर रही है।
प्रशासनिक सुधारों पर बात करते हुए उन्होंने बताया कि सचिवालय और जनपद स्तर से गवर्नेंस रिफॉर्म्स की शुरुआत की जा रही है। साथ ही, प्राकृतिक आपदाओं के बढ़ते खतरे को देखते हुए कैपेसिटी बिल्डिंग अभियान की आवश्यकता भी रेखांकित की।
मुख्य सचिव ने बताया कि राज्य में परियोजनाओं की ऑनलाइन अनुश्रवण और मूल्यांकन हेतु पीएम गति शक्ति पोर्टल (स्टेट) पर कार्य किया जा रहा है। इसके अंतर्गत विभिन्न योजनाओं जैसे कैपिटल असिस्टेंस योजना, मिसिंग लिंक योजना, मुख्यमंत्री घोषणाएं, ई-समीक्षा आदि की निगरानी की जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि आवास विभाग का ऑनलाइन एप्लीकेशन सिस्टम भारत सरकार द्वारा “बेस्ट प्रैक्टिस” की श्रेणी में शामिल किया गया है।
वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के तहत सीमावर्ती जनपदों उत्तरकाशी, चमोली और पिथौरागढ़ के 51 गांवों का चयन कर उनके बहुमुखी विकास की योजना बनाई गई है। वहीं, ‘अपुणि सरकार’ पोर्टल को भारत सरकार द्वारा बेस्ट प्रैक्टिस के रूप में मान्यता मिली है।
जल संरक्षण के क्षेत्र में राज्य द्वारा स्प्रिंग एवं रिवर रीजुविनेशन अथॉरिटी का गठन किया गया है, जिसका उद्देश्य जल स्रोतों का पुनर्जीवन और सतत उपयोग सुनिश्चित करना है। इसके साथ ही ‘हाउस ऑफ हिमालय’ जैसे ब्रांड के माध्यम से स्थानीय उत्पादों को वैश्विक पहचान दिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
मुख्य सचिव ने सचिवालय की भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि यह न केवल प्रशासनिक गतिविधियों का केंद्र है, बल्कि विकास की दिशा तय करने वाला संस्थान भी है। उन्होंने अधिकारियों से अपेक्षा की कि वे अपने दायित्वों का निर्वहन पूर्ण निष्ठा, पारदर्शिता और समर्पण के साथ करें, ताकि राज्य और समाज निरंतर प्रगति कर सके।
उन्होंने सभी को आह्वान किया कि वे ईमानदारी, दक्षता और नवाचार की भावना के साथ कार्य करें, जिससे देश के विकास में हर निर्णय और हर प्रयास सकारात्मक भूमिका निभा सके।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, श्री एल. फैनई, आर. मीनाक्षी सुन्दरम, सचिव, अपर सचिव सहित सचिवालय प्रशासन के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।