देहरादून। राज्य कैबिनेट की अहम बैठक में कुल 11 महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा के बाद कैबिनेट की मुहर लग गई। इन फैसलों से आम जनता, किसानों, कलाकारों, कर्मचारियों और औद्योगिक क्षेत्र को सीधा लाभ मिलने की उम्मीद है।
वित्त विभाग को बड़ी राहत
Major Relief from Finance Department
कैबिनेट ने नेचुरल गैस पर वैट की दर 20 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने का निर्णय लिया। इससे उद्योगों और उपभोक्ताओं दोनों को राहत मिलेगी।
कृषि एवं कृषक कल्याण विभाग
Agriculture & Farmers’ Welfare
आपदा प्रभावित क्षेत्रों से आने वाले रॉयल डिलिशियस सेब का दाम तय किया गया है, जिससे प्रभावित सेब उत्पादक किसानों को उचित मूल्य मिल सकेगा।
कलाकारों की पेंशन में बढ़ोतरी
Artists’ Pension Increased
राज्य सरकार ने कलाकारों को मिलने वाली मासिक पेंशन 3 हजार रुपये से बढ़ाकर 6 हजार रुपये कर दी है।
लो रिस्क बिल्डिंग प्रक्रिया में बदलाव
Ease in Low-Risk Building Approvals
अब लो रिस्क बिल्डिंग के लिए नक्शा पास कराने हेतु केवल प्राधिकरण के पास जाना अनिवार्य नहीं होगा। यह कार्य पैनल आर्किटेक्ट के माध्यम से भी कराया जा सकेगा।
औद्योगिक विकास विभाग का फैसला
Industrial Development Boost
औद्योगिक विकास विभाग के अंतर्गत लॉज (Lodge) में ग्राउंड कवरेज बढ़ाने को मंजूरी दी गई है।
तकनीकी स्टाफ की नियुक्ति में बदलाव
Change in Technical Staff Recruitment
तकनीकी प्रवृत्ति के स्टाफ की भर्ती पहले उपनल के माध्यम से होती थी, अब इन्हें ओपन मार्केट या आउटसोर्सिंग से लिया जाएगा।
वर्ग-चार कर्मचारियों को पेंशन का लाभ
Pension for Class-IV Employees
वर्ग-चार कर्मचारी के रूप में सेवा देने के बाद यदि कर्मचारी स्थायी (परमानेंट) हो जाते हैं, तो उन्हें पेंशन भुगतान का लाभ मिलेगा।
आयुष्मान योजनाएं पूरी तरह इंश्योरेंस मोड में
Ayushman Schemes in 100% Insurance Mode
आयुष्मान और अटल आयुष्मान योजना को अब शत-प्रतिशत इंश्योरेंस मोड में संचालित किया जाएगा।
गोल्डन कार्ड योजना हाइब्रिड मोड में
Golden Card to Run in Hybrid Mode
गोल्डन कार्ड योजना हाइब्रिड मोड में चलेगी।
5 लाख रुपये तक के क्लेम इंश्योरेंस मोड में होंगे
इससे अधिक राशि का वहन राज्य सरकार करेगी
श्रीनगर मेडिकल कॉलेज का मामला उप समिति को
Srinagar Medical College Issue Referred to Sub-Committee
श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में समान कार्य समान वेतन से जुड़ा मामला—जिसमें संविदा, दैनिक वेतन, नियत वेतन और प्रबंधन समिति के माध्यम से रखे गए बैकलॉग कर्मी शामिल हैं—कैबिनेट ने उप समिति को रेफर कर दिया है।
इन फैसलों से राज्य में आर्थिक, सामाजिक और प्रशासनिक स्तर पर व्यापक असर पड़ने की संभावना जताई जा रही है।


