भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) द्वारा आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की घेराबंदी चुनाव के बाद भी जारी है। दरअसल, भाजपा ने सोमवार को उपराज्यपाल को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि ‘शीश महल’ के साथ विलय की गई अन्य सरकारी संपत्तियों को रद्द किया जाए। प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि ‘शीश महल’ का विस्तार चार सरकारी संपत्तियों को मिलाकर किया गया है। यह बंगला भाजपा के लिए एक बड़ा राजनीतिक हथियार बना था, जिसका इस्तेमाल पार्टी ने हालिया विधानसभा चुनावों में अरविंद केजरीवाल पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के लिए किया था।

हमारा मुख्यमंत्री इस बंगले में नहीं रहेगा
सचदेवा ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि उनकी पार्टी सरकार बनाती है, तो यह निर्णय लिया जाएगा कि इस बंगले का उपयोग कैसे किया जाएगा। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि उनका मुख्यमंत्री इस बंगले में नहीं रहेगा। यह बंगला 2015 से अक्टूबर 2024 तक अरविंद केजरीवाल का आधिकारिक निवास था, लेकिन मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद केजरीवाल ने इसे खाली कर दिया था।
बंगला जांच के दायरे में है
भा.ज.पा. के नवनिर्वाचित विधायक और पूर्व विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि भाजपा का मुख्यमंत्री बंगले में नहीं रहेगा क्योंकि यह बंगला कथित अनियमितताओं के कारण जांच के दायरे में है। उन्होंने यह भी कहा कि इस बंगले के आसपास की भूमि का उपयोग सरकारी आवासों के निर्माण और अन्य आधिकारिक कार्यों के लिए किया जाएगा।
दो साल तक भाजपा ने चलाई मुहिम
भा.ज.पा. ने ‘शीश महल’ के निर्माण को लेकर अरविंद केजरीवाल पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए और इस मुद्दे पर दो साल तक अभियान चलाया। भाजपा का कहना है कि केजरीवाल ने इस बंगले का पुनर्निर्माण गलत तरीके से कराया और कोरोना काल में इस पर अत्यधिक खर्च किया। महंगे पर्दे, फर्नीचर और अन्य वस्तुओं को लगाने के आरोप लगाए गए। उपराज्यपाल को लिखे पत्र में भाजपा ने यह भी दावा किया कि केजरीवाल ने पड़ोसी सरकारी संपत्तियों पर अवैध कब्जा करके इस बंगले को आलीशान ‘शीश महल’ में बदल दिया। Uttarakhand Dehradun India Breaking News Latest Hindi News Indian Tourist Places Top Tourist Kedarnath Mansuri Badrinath Nainital