दिल्ली विधानसभा चुनाव के प्रचार में बीजेपी ने अपनी पूरी ताकत झोंकी है, और पार्टी के दिग्गज नेताओं को चुनावी मैदान में उतार दिया है। चुनाव प्रचार में महज कुछ दिन बाकी हैं, और बीजेपी ने अपने सभी नेताओं को एक टारगेट दिया है: पिछली बार के मुकाबले हर विधानसभा सीट पर 20,000 से ज्यादा वोट हासिल करना।

बीजेपी के प्रचार में शामिल नेताओं में केंद्रीय मंत्री, सांसद, और भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री-उपमुख्यमंत्री शामिल हैं। पार्टी ने प्रत्येक नेता को दो विधानसभा सीटों का जिम्मा सौंपा है, और उनका मुख्य लक्ष्य हर बूथ पर 50 प्रतिशत से अधिक वोट प्राप्त करना और मतदान के दिन पिछली बार के मुकाबले अधिक मतदान सुनिश्चित करना है।
कुछ प्रमुख नेताओं और उनकी जिम्मेदार सीटों पर नजर डालें:
- केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को दिल्ली कैंट और वजीरपुर सीटों की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
- केंद्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान को मालवीय नगर और ग्रेटर कैलाश सीट पर प्रचार का जिम्मा सौंपा गया है।
- भूपेंद्र यादव को महरौली और बिजवासन सीटों पर काम सौंपा गया है।
- गजेंद्र सिंह शेखावत को नरेला और बवाना सीटों पर प्रचार करने की जिम्मेदारी दी गई है।
- मनसुख मांडविया को शकूरबस्ती और मादीपुर सीटों पर प्रचार करना है।
- अनुराग ठाकुर को मुस्तफाबाद और करावल नगर सीटों की जिम्मेदारी दी गई है।
- ब्रजेश पाठक (यूपी के उपमुख्यमंत्री) को आदर्श नगर और बुराड़ी सीटों पर काम सौंपा गया है।
- विनोद तावड़े को जनकपुरी और उत्तम नगर सीटों की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
इसके अलावा, बीजेपी ने दिल्ली में रहने वाले दूसरे राज्यों के मतदाताओं को भी ध्यान में रखते हुए उन राज्यों के सांसदों, विधायकों और मंत्रियों को वोटर्स के बीच काम करने का जिम्मा सौंपा है। इस रणनीति के जरिए पार्टी ने प्रत्येक राज्य के मतदाताओं तक पहुंचने की योजना बनाई है, ताकि चुनावी समर में कोई कसर न छोड़ी जाए।
बीजेपी की यह रणनीति दिल्ली में वोटों के ध्रुवीकरण को सुनिश्चित करने के लिए बेहद अहम है, और पार्टी पूरी कोशिश कर रही है कि हर विधानसभा क्षेत्र में पिछली बार के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन हो।