देहरादून निकाय चुनाव में उत्तराखंड मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपनी राजनैतिक विजनरी ताकत से बीजेपी के पक्ष में माहौल बनाये जाने में कामयाब रहे है आखिर सवाल उठ रहा है बीजेपी के बाकि नेता अपने उमीदवार वाले एरिया में कैद होकर रहे काश धामी सरीखी निकाय चुनाव में मेहनत बीजेपी के सभी नेता आपसी गुटबाजी को खत्म कर करते तो बीजेपी 100 निकाय चुनाव में जीत की गारंटी का रिपोर्ट कार्ड कन्फेन्डेन्स तरह से रख पाती अगर उत्तराखंड में राजनैतिक पसीना बहाने का काम सिर्फ धामी के बुते है तो बाकि नेता अपनी राजनैतिक जमीं को कैसे 2027 तक बचा पाएंगे बीजेपी को इस बारे में सोचना पड़ेगा।

उत्तराखंड निकाय चुनाव में पुष्कर सिंह धामी जितनी मेहनत करते देखे गए उसने यही सवाल खड़ा कर दिया है राज्य में हर बार धामी अपनी राजनैतिक विजनरी ताकत से 24 कैरट सोना बनकर उभर रहे है जिसकी राजनैतिक दूरदर्शिता को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी भली भांति समझते है मोदी पहले ही उत्तराखंड के धामी को लेकर 21 सदी का दशक उत्तराखंड का दशक होने की बात बाबा केदार की नगरी से बोल चुके है।
निकाय चुनाव में 12 दिनों में पुष्कर सिंह धामी ने 52 जनसभा रोड शो करके अपना पसीना बहाया है उसने विपक्ष कांग्रेस को बड़ा राजनैतिक नुकसान पहुंचाया है हर चुनाव में धामी के बूते चुनाव में जीत का स्वाद लेने वाले ऐसे नेता अब अपनी राजनैतिक जमीं को खत्म होने से आने वाले दिनों में देखेंगे बीजेपी 2027 के लिए निकाय चुनाव सेमीफाइनल के रूप में देखा जा रहा है चुनावी परिणाम 25 को आएंगे उत्तराखंड में जनता का मूड किस तरफ रहा