दिल्ली विधानसभा चुनाव में हाल ही में आम आदमी पार्टी (AAP) से आठ विधायकों के इस्तीफे और उनके बाद भाजपा में शामिल होने से राजनीति में काफी हलचल मची है। यह घटनाक्रम भाजपा के लिए एक बड़ी रणनीतिक जीत के रूप में देखा जा सकता है, क्योंकि इससे AAP का आधार कमजोर हो सकता है। AAP के इन विधायकों के इस्तीफे के पीछे का कारण टिकट न मिलना बताया जा रहा है, जिससे पार्टी के अंदर असंतोष का माहौल बना हुआ था।

हालांकि, AAP ने इस घटनाक्रम का आरोप भाजपा और कांग्रेस पर लगाया है, जिनका कहना है कि इन विधायकों पर दबाव डाला गया और उन्हें पार्टी छोड़ने के लिए प्रलोभन दिया गया। इसके विपरीत, भाजपा को इस स्थिति का फायदा उठाने का अवसर मिल सकता है, क्योंकि दिल्ली विधानसभा चुनाव में उनके लिए यह एक अहम अवसर हो सकता है। भाजपा को इस वक्त दिल्ली में जनता का समर्थन बढ़ता हुआ दिख रहा है, और इन इस्तीफों के बाद उनका मनोबल और भी बढ़ सकता है।
यह सब सियासी खेल दिखाता है कि चुनावी रणनीतियों में पार्टियाँ अपने विरोधियों को कमजोर करने के लिए हर संभव तरीका अपनाती हैं, चाहे वो असंतुष्ट नेताओं को अपने पक्ष में लाने की कोशिश हो या फिर पार्टी से संबंधित अंदरूनी मतभेदों का फायदा उठाना। अब यह देखना होगा कि इस घटनाक्रम का असर दिल्ली के विधानसभा चुनाव परिणामों पर कितना पड़ता है और भाजपा इस मौके का कितना फायदा उठा पाती है।
क्या आपको लगता है कि इन इस्तीफों का भाजपा के पक्ष में कोई बड़ा बदलाव आएगा?