दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में AAP के लिए पूर्वांचलियों के प्रभाव को लेकर जो रणनीतिक पारी का उल्लेख किया है, वह सचमुच एक महत्वपूर्ण राजनीतिक घटनाक्रम की ओर इशारा करता है। AAP द्वारा पूर्वांचलियों को चुनावी मैदान में उतारना एक बड़ा दांव हो सकता है, क्योंकि इन क्षेत्रों में उनकी संख्या और प्रभाव चुनावी परिणामों को प्रभावित कर सकता है।
पूर्वांचलियों का दिल्ली विधानसभा की 20 से अधिक सीटों पर दबदबा है, और इन सीटों पर उनका प्रभाव किसी पार्टी को जीत दिलाने या हारने में अहम भूमिका निभा सकता है। ऐसे में AAP का यह कदम बीजेपी और कांग्रेस के लिए एक बड़ा राजनीतिक नुकसान साबित हो सकता है।

इसके विपरीत, बीजेपी भी अपनी चुनावी रणनीतियों पर लगातार काम कर रही है, खासकर उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा दिल्ली में रोड शो के माध्यम से पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने की कोशिशें। बीजेपी ने अपनी जमीनी कोशिशों के तहत पूर्वांचलियों को अपने पक्ष में लाने की रणनीति बनाई है, और दिल्ली के चुनावी मैदान में इस क्षेत्र के प्रभाव का फायदा उठाने के लिए पूरी ताकत झोंकी है।
यह खेल दिल्ली विधानसभा के लिए एक रोमांचक चुनावी मुकाबला पैदा कर सकता है, जहां AAP और बीजेपी दोनों ही अपनी-अपनी रणनीतियों के साथ मैदान में हैं। AAP ने जहां एक तरफ पूर्वांचलियों को अपने साथ जोड़ा है, वहीं बीजेपी दिल्ली में अपनी सत्ता बचाने के लिए हर रणनीति को अपनाने में जुटी है।