केजरीवाल की हार के बाद स्वाति मालीवाल का बयान काफी चर्चित हो गया है। उन्होंने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “अहंकार रावण का भी नहीं बचा था”, जो यह संकेत देता है कि राजनीतिक बड़ों के अहंकार को कभी भी नुकसान हो सकता है, चाहे वह किसी भी स्तर पर हों।

दिल्ली विधानसभा चुनाव में प्रवेश वर्मा की जीत ने भाजपा की स्थिति को मजबूत किया है। केजरीवाल को हराकर बड़े विजेता के रूप में उभरे हैं। जीत के बाद प्रवेश वर्मा ने केंद्रीय मंत्री अमित शाह से मुलाकात की, जिसके बाद उनके मुख्यमंत्री बनने की चर्चा भी तेज हो गई है। हालांकि, वर्मा ने मीडिया से बात करते हुए स्पष्ट किया कि दिल्ली की यह जीत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जीत है, और यह भाजपा की रणनीति और नेतृत्व की सफलता का परिणाम है।
भले ही राजनीतिक गलियारों में मुख्यमंत्री बनने की मांग उठ रही हो, लेकिन प्रवेश वर्मा ने अपनी जीत को देश के प्रधानमंत्री के नेतृत्व से जोड़ा, जो भाजपा की राष्ट्रीय राजनीति में भारी योगदान को दर्शाता है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि दिल्ली की राजनीति में आगे क्या बदलाव आते हैं और किस तरह से बीजेपी अपनी नई सरकार को स्थापित करती है।