चाय वाले धामी सुर्खियों बटोरते नेता गुर्गो को रास नहीं आते देहरादून चाय वाले मोदी के बाद अब एक बार चाय वाले धामी को लेकर पुष्कर सिंह धामी सुर्खिया बटोर रहे है वैसे धामी की टीम ऐसे कारनामे करती रहती है जिसकी वजह से वो सुर्खियों में बने रहते है लोकसभा चुनाव में धामी देश भर में अपने फैसलों को लेकर विपक्ष के निशाने पर बने रहे धामी प्रचार से लेकर हर मोर्चे पर लोगो की पसंद में शुमार रहे नतीजा रहा धामी दिलो पर राज करने वाले ऐसे पहले मुख्यमंत्री बन गए जिसकी बदौलत उनको उनके खास प्रधानमंत्री के लिए आने वाले समय में होने की चर्चा करते देखे गए।
उत्तराखंड में धामी का अभी तक कोई राजनैतिक तोड़ नहीं बन पाया है लेकिन बीजेपी का एक कैंप उनको पसंद नहीं करता यही वजह है धामी अपने कुछ खास की वजह से ऐसे फैसले नहीं ले पा रहे जिनकी जरुरत है धामी को अपने कद के हिसाब से वर्क आउट पर टारगेट करना होगा आने वाले समय में पब्लिक कॉन्टेक्ट अधिक किया जाएं ऐसी वयवस्था बनानी होगी चुनावी तिकड़म से आजाद होने के बाद लम्बे समय से जनता दरबार नहीं लगे है उनको भी लगाकर राज्य की तस्वीर पहचान किये जाने की जरुरत है ताकि ज़िले में अफसरों की हकीकत का पता चल सके।
राज्य में धामी के मुकाबले कई नेता अपना नंबर नहीं आने से परेशान है ऐसी खबरे समय समय पर चर्चा का विषय बनी रहती है एक भविष्य का सपना देखने वाले नेता गैंग के कुछ खबरनवीस उत्तराखंड में नेता का प्रचार करते देखे जा सकते है पत्रकारों की बिरदारी मीडिया हाउस में ऐसी चर्चा करती सुनी जा सकती है चुनावी सीजन में ऐसे पत्रकारों की टोली एक झुण्ड के रूप में नेता का पीआर करती देखी गयी थी जिसकी धमक दिल्ली में उनके मीडिया हाउस तक भी पहुंची थी लेकिन आका का आश्रीवाद होने के चलते उनकी नौकरी पर कोई फर्क नहीं पढ़ा लेकिन भविष्य में बड़े संकेत देखे जा सकते है।