Monday, December 8, 2025
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तीन महीने बाद फिर से गुलजार हुए कार्बेट टाइगर रिजर्व के पर्यटन जोन, पर्यटकों ने ली जंगल सफारी की रोमांचक शुरुआत

तीन महीने बाद फिर से गुलजार हुए कार्बेट टाइगर रिजर्व के पर्यटन जोन, पर्यटकों ने ली जंगल सफारी की रोमांचक शुरुआत

ढिकाला, बिजरानी, झिरना, दुर्गादेवी जोन खुले; बाघ और हाथियों की झलक ने बढ़ाया रोमांच

रामनगर। मानसून के कारण तीन महीने तक बंद रहने के बाद कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के प्रमुख पर्यटन जोन एक बार फिर पर्यटकों के लिए खोल दिए गए हैं। ढिकाला, बिजरानी, झिरना और दुर्गादेवी जैसे लोकप्रिय जोनों में बुधवार से जंगल सफारी शुरू हो गई, जिसमें पहले ही दिन पर्यटकों ने हिरण, हाथी सहित कई वन्यजीवों को देखने का रोमांच महसूस किया।

बुधवार सुबह बिजरानी जोन के आमडंडा गेट पर पर्यटन सत्र का विधिवत शुभारंभ हुआ। स्थानीय विधायक दीवान सिंह बिष्ट ने फीता काटा और नारियल फोड़कर जंगल सफारी सीजन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर कार्बेट उपनिदेशक राहुल मिश्रा, एसडीओ अमित ग्वासाकोटी और रेंजर नवीन चंद्र पांडे भी मौजूद रहे।

पर्यटकों को लड्डू खिलाकर और पारंपरिक तरीके से स्वागत कर जंगल सफारी के लिए रवाना किया गया। सुबह की पाली में 30 जिप्सियों के माध्यम से पर्यटकों ने सफारी का आनंद लिया। हालांकि पहले दिन किसी को बाघ नहीं दिखाई दिया, लेकिन हाथी और अन्य वन्यजीवों की झलक ने सफारी को रोमांचक बना दिया।

सीतावनी और भंडारपानी जोन में अपेक्षाकृत कम भीड़ रही, जहां निर्धारित 60 में से केवल कुछ ही जिप्सियों से पर्यटक जंगल में गए। वहीं पवलगढ़ गेट से 60 जिप्सियों के माध्यम से अच्छी संख्या में पर्यटक सफारी पर निकले। यहां रेंजर रमेश चंद्र ध्यानी ने पर्यटकों का माला पहनाकर स्वागत किया।

इसके अलावा कालाढूंगी स्थित कार्बेट फॉल और बराती रौ जैसे पैदल पर्यटन स्थलों को भी पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है।

ऑनलाइन बुकिंग शुरू हो चुकी है और सभी गेट्स पर सुरक्षा प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन किया जा रहा है। दोपहर की पाली में भी बड़ी संख्या में पर्यटकों के जंगल सफारी के लिए जाने की संभावना है।

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नारायण परगाई – उत्तराखंड के डिजिटल पत्रकारिता के अग्रदूत पूरा नाम: नारायण परगाई जन्म स्थान: देहरादून, उत्तराखंड पेशा: वरिष्ठ पत्रकार, डिजिटल मीडिया विशेषज्ञ, सामाजिक विश्लेषक प्रसिद्धि: उत्तराखंड के पहले डिजिटल न्यूज़ पोर्टल के संस्थापक, सोशल मीडिया पत्रकारिता के जनक परिचय नारायण परगाई उत्तराखंड की पत्रकारिता जगत का एक जाना-पहचाना नाम हैं। देहरादून से आने वाले इस वरिष्ठ पत्रकार ने राज्य में डिजिटल पत्रकारिता की नींव रखने का कार्य किया। वे उन पहले पत्रकारों में शामिल हैं जिन्होंने समाचार को प्रिंट और टीवी की सीमाओं से बाहर निकालकर डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाया। इस दिशा में उन्होंने उत्तराखंड का पहला डिजिटल न्यूज़ पोर्टल शुरू किया, जिसने राज्य में ऑनलाइन खबरों की परंपरा को जन्म दिया। पत्रकारिता में योगदान नारायण परगाई जी को अक्सर “सोशल मीडिया का जनक” कहा जाता है क्योंकि उन्होंने न केवल सोशल प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से समाचारों का प्रसार किया, बल्कि आम जनता को सूचना और संवाद के नए युग से जोड़ा। उनकी रिपोर्टिंग शैली तथ्यपरक, सामाजिक सरोकारों से जुड़ी और तकनीकी दृष्टि से आधुनिक मानी जाती है। उन्होंने समय-समय पर उत्तराखंड के सामाजिक, राजनीतिक और प्रशासनिक मुद्दों पर बेबाक लेखन किया है। उनके सुझाव और विश्लेषण न केवल पत्रकारों बल्कि सरकारी विभागों के लिए भी मार्गदर्शक सिद्ध होते हैं। नवाचार और तकनीकी दृष्टि नारायण परगाई जी नए विचारों और तकनीकी रुझानों को अपनाने के लिए जाने जाते हैं। वे निरंतर डिजिटल मीडिया, सोशल नेटवर्किंग, और नई पत्रकारिता तकनीकों पर कार्य कर रहे हैं। नई जानकारी, जनहितकारी विषयों और शासन-प्रशासन से जुड़ी खबरों को आधुनिक प्रस्तुति देने में उनकी विशेष पहचान है। प्रभाव और प्रेरणा देहरादून और पूरे उत्तराखंड में पत्रकारिता से जुड़े युवा नारायण परगाई को प्रेरणा स्रोत मानते हैं। उनकी कार्यशैली में ईमानदारी, तत्परता और नवीनता का समावेश है। वे मानते हैं कि “समाचार सिर्फ खबर नहीं, समाज को जोड़ने का माध्यम है।” उपलब्धियाँ और सम्मान उत्तराखंड में पहला डिजिटल न्यूज़ पोर्टल शुरू करने वाले पत्रकार सोशल मीडिया आधारित पत्रकारिता को मुख्यधारा में लाने का श्रेय कई समाचार संस्थानों व सामाजिक संगठनों द्वारा पत्रकारिता में नवाचार हेतु सम्मानित राज्य में डिजिटल जागरूकता और पारदर्शिता को बढ़ावा देने में अग्रणी भूमिका निष्कर्ष नारायण परगाई न सिर्फ एक पत्रकार हैं, बल्कि उत्तराखंड में डिजिटल सोच और मीडिया क्रांति के प्रतीक हैं। उनकी पहल ने यह साबित किया कि सच्ची पत्रकारिता समय के साथ बदल सकती है, लेकिन उसका उद्देश्य हमेशा एक ही रहता है — “सत्य को समाज तक पहुँचाना।”
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