शीतकालीन यात्रा: धामी के मजबूत इरादों को पंख लगाएंगे मोदी उत्तरकाशी, 5 मार्च 2025 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उत्तराखंड दौरा शीतकालीन यात्रा को नए आयाम देने की दिशा में एक अहम कदम साबित हो सकता है। इस बार प्रधानमंत्री मोदी 6 मार्च को उत्तरकाशी जिले में शीतकालीन यात्रा के दौरान प्रमुख कार्यक्रमों में शामिल होंगे, जो उत्तराखंड में धार्मिक और शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
मुखबा व्यू प्वाइंट से हिमालय के दर्शन
प्रधानमंत्री मोदी पहले मुखबा में मां गंगा के शीतकालीन गद्दी स्थल पर दर्शन और पूजा करेंगे। फिर वे हर्षिल में आयोजित सार्वजनिक कार्यक्रम में भाग लेंगे, जहां विंटर टूरिज्म पर आधारित प्रदर्शनी का अवलोकन करेंगे और बाइक रैली को हरी झंडी दिखाएंगे।
मुखबा में पीएम मोदी पारंपरिक परिधान “चपकन” पहनकर पूजा कर सकते हैं, जो इस क्षेत्र की संस्कृति और सम्मान का प्रतीक है। गंगोत्री मंदिर समिति ने उन्हें यह परिधान भेंट देने की तैयारी की है। साथ ही, हर्षिल में प्रधानमंत्री को वहां का पारंपरिक परिधान “मिरजाई” भी भेंट किया जाएगा।
धामी सरकार का विजन और शीतकालीन यात्रा का भविष्य
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शीतकालीन यात्रा के माध्यम से राज्य में पर्यटन के नए अवसरों की तलाश में हैं। उनका लक्ष्य इस यात्रा को एक महत्वपूर्ण पर्यटन आकर्षण के रूप में स्थापित करना है, ताकि धार्मिक और शीतकालीन पर्यटन दोनों को बढ़ावा मिले। धामी सरकार का ध्यान होटल व्यवसाय, व्यू प्वाइंट्स और स्थानीय अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने पर है, और पीएम मोदी के दौरे से इस दिशा में एक बड़ा कदम उठाया जाएगा।
धामी ने कहा कि उत्तरकाशी में शीतकालीन यात्रा से केवल धार्मिक श्रद्धालुओं को आकर्षित नहीं किया जा सकता, बल्कि यह पर्यटन, होमस्टे और सीमावर्ती गांवों के विकास में भी मदद करेगा। उनका मानना है कि पीएम मोदी के इस दौरे से उत्तराखंड में आने वाले पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी होगी, विशेषकर बर्फीले पर्यटन स्थलों, साहसिक खेलों और धार्मिक स्थलों पर।
स्थानीय अर्थव्यवस्था को मिलेगा बल
प्रधानमंत्री के इस दौरे से उत्तराखंड की स्थानीय अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा, क्योंकि इससे पर्यटन व्यवसाय को बढ़ावा मिलेगा और सीमावर्ती क्षेत्रों में विकास के नए अवसर खुलेंगे। स्थानीय प्रशासन और राज्य सरकार इस कार्यक्रम के लिए युद्धस्तर पर तैयारियों में जुटी हुई हैं।
यह दौरा उत्तराखंड के शीतकालीन यात्रा को एक नई पहचान दिलाने और राज्य के विकास में अहम भूमिका निभाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।