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Monday, June 5, 2023
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Politics: महाराष्ट्र में बदलेगी सरकार

Politics: महाराष्ट्र में बदलेगी सरकार

महाराष्ट्र की सियासत में एक बार फिर से उथल-पुथल शुरू हो गई है। सांसद संजय राउत ने दावा किया है कि अगले 15-20 दिन में राज्य की एकनाथ शिंदे सरकार गिर जाएगी। वहीं, राउत की पार्टी के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा है कि राज्य में चुनाव कभी भी हो सकते हैं और इसके लिए उनकी पार्टी तैयार है।

इससे पहले एनसीपी नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजीत पवार की उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात ने भी राज्य का सियासी पारा चढ़ा दिया था। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या वाकई में शिंदे सरकार गिरने वाली है?  संजय राउत क्यों ऐसा दावा कर रहे हैं? इसके सियासी मायने क्या हैं? मौजूदा समीकरण क्या है?  आइये जानते हैं…

शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने दावा किया, ‘इस सरकार का डेथ वॉरंट जारी हो चुका है। अब देखना यह है कि इसपर साइन कौन करता है? हम लोग अभी सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे हैं। आने वाले 15-20 दिनों के अंदर ही यह सरकार गिर जाएगी।’

राउत उद्धव ठाकरे नेतृत्व के खिलाफ बगावत करने वाले 16 विधायकों (शिंदे गुट) को अयोग्य ठहराने की मांग करने वाली याचिका पर लंबित सुप्रीम कोर्ट के फैसले का जिक्र कर रहे थे।

उद्धव ठाकरे ने जलगांव में एक रैली को संबोधित करते हुए दावा किया कि राज्य में चुनाव कभी भी हो सकते हैं। उनकी पार्टी  इसके लिए तैयार है। ठाकरे ने तंज कसते हुए कहा कि राज्य बीजेपी प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा है कि शिंदे की पार्टी को कुल 288 में से केवल 48 सीटें आवंटित की जाएंगी। उन्होंने पूछा क्या बीजेपी केवल 48 सीटों पर चुनाव लड़ने वाले व्यक्ति के नेतृत्व में चुनाव लड़ेगी?
किस आधार पर सरकार गिरने का दावा कर रहे हैं संजय राउत?
शिवसेना में हुई आंतरिक फूट का मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। इस मामले में उद्धव गुट ने शिंदे गुट के 16 विधायकों की सदस्यता रद्द करने की मांग की है। अगर ये विधायक अयोग्य घोषित होते हैं, तो राज्य सरकार पर संकट आ जाएगा।

दरअसल जिन विधायकों की सदस्यता पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है, उनमें मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी शामिल हैं।  हालांकि, 16 विधायकों के अयोग्य होने के बाद भी राज्य सरकार अल्पमत में नहीं आएगी। हालांकि, इसके बाद शिंदे गुट के बाकी विधायकों पर भी संकट आएगा। जो राज्य सरकार के लिए बड़ा खतरा होगा।

क्या अजीत पवार को साथ लाएगी भाजपा?
महाराष्ट्र में सियासी हलचल इसलिए भी तेज है क्योंकि पिछले दिनों खबर आई थी कि एनसीपी नेता अजीत पवार अपने कई विधायकों को लेकर अलग हो सकते हैं। अजीत के भाजपा नेताओं से मुलाकात की भी खबर आई थी। हालांकि, बाद में अजीत पवार ने सफाई दी है कि वह मरते दम तक एनसीपी में ही रहेंगे।

इसके बाद भी सवाल उठ रहा है कि क्या शिवसेना की तरह एनसीपी में भी दरार पड़ने वाली है? इस बारे में राजनीतिक विश्लेषक आनंद त्रिपाठी कहते हैं, ‘राजनीति में कभी भी कुछ भी हो सकता है। पहले भी अजीत पवार ने अचानक भाजपा के साथ हाथ मिला लिया था। ऐसे में संभव है कि वह आगे भी ऐसा कुछ कर सकते हैं।’

आनंद आगे कहते हैं, ‘हालांकि, अजीत ये तभी करेंगे जब वह सुनिश्चित हो जाएंगे कि एनसीपी के ज्यादातर विधायक उनके साथ हैं। विधायकों की गोलबंदी के बाद ही वह ऐसा कुछ कदम उठा सकते हैं। अगर इसमें थोड़ी भी चूक हुई तो वह पार्टी के साथ-साथ पार्टी में खुद की जगह भी खो देंगे।’

पहले भी होते रहे हैं सरकार गिरने के दावे:
आनंद त्रिपाठी कहते हैं, ‘सूबे में शिंदे सरकार बनने के बाद ये पहली बार नहीं है, जब उद्धव गुट के नेता और विपक्ष के नेता इस तरह के दावे कर रहे हैं। इसके पहले भी कई बार इस तरह के दावे हो चुके हैं।’
‘पिछले साल अगस्त में उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे ने कहा था शिंदे सरकार जल्द ही गिर जाएगी। आदित्य ठाकरे के अलावा एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने भी कुछ इसी तरह का दावा किया था। उन्होंने जुलाई में ही कहा था कि शिंदे सरकार केवल छह महीने तक ही चल पाएगी।’

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