उपराष्ट्रपति ने कहा कि हमारे देश की संस्कृति वसुधैव कुटुम्बकम की है। हमारे कुटुंब की बेटी ने जनता की सेवा के लिए न दिन देखा न रात। उसके साथ दुष्कर्म और निर्ममता अकल्पनीय है।
उन्होंने कहा कि हमारे देश की संस्कृति वसुधैव कुटुम्बकम की है। हमारे कुटुंब की बेटी ने जनता की सेवा के लिए न दिन देखा न रात। उसके साथ दुष्कर्म और निर्ममता अकल्पनीय है। डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ दुखी हैं। इस घटना से मां बाप भी सोचेंगे कि बेटी को डॉक्टर बनाएं या न बनाएं। जब ये बात सोचते हैं तो दिल विचलित होता है।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ आज अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) पहुंचे। उन्होंने परिसर में मां के नाम एक पौधा अभियान के तहत पौधरोपण किया।। इस दाैरान उपराष्ट्रपति ने कोलकाता में महिला डाॅक्टर के साथ हुई घटना पर दुख जताया।
उन्होंने कहा जिस बच्ची ने डॉक्टर बन कर हमारे शरीर को बचाने की कोशिश की उसके ही शरीर को तार-तार कर दिया। मैं आपके दुख में अपनी भागेदारी प्रकट करने आया हूं।