अहंकारी राजा का घमंड तोड़ने के लिए भगवान विष्णु ने लिया वामन अवतार
Vamana Jayanti 2022: पौराणिक कथा के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु ने वामन अवतार लिया था. यह भगवान विष्णु के दशावतार में से पांचवे अवतार थे. भगवान वामन ने प्रहलाद पौत्र राजा बलि का घमंड तोड़ने के लिए तीन कदमों में तीनों लोक नाप दिए थे. नारायण का स्वरूप देखने के लिए उचित सोच अच्छे कर्म जरूरी बताए गए है क्योंकि एक गलती जीवन भर के लिए कष्ट का रूप लेती है

Vamana Jayanti 2022: भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को वामन जयंती मनाई जाती है. इस साल वामन जयंती बुधवार, 07 सितंबर को मनाई जाएगी. पौराणिक कथा के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु ने वामन अवतार लिया था. यह भगवान विष्णु के दशावतार में से पांचवे अवतार थे. भगवान वामन ने प्रहलाद पौत्र राजा बलि का घमंड तोड़ने के लिए तीन कदमों में तीनों लोक नाप दिए थे. आइए आपको इसकी पूजन विधि और कथा के बारे में बताते हैं.
वामन जयंती की पूजा
वामन जयंती के दिन भगवान विष्णु के अवतार वामन की प्रतिमा या चित्र लगाकर पूजा की जाती है. इस दिन दक्षिणावर्ती शंख में गाय का दूध लेकर वामन देव का अभिषेक करना चाहिए. भगवान वामन का पूजन करने के बाद कथा सुनें और बाद में आरती करें. अंत में चावल, दही और मिश्री का दान कर किसी गरीब या ब्राह्मण को भोजन कराएं.
वमान जयंती की कथा
भागवत पुराण के अनुसार, अत्यंत बलशाली दैत्य राजा बलि ने इन्द्र देव को पराजित कर स्वर्ग पर कब्जा जमा लिया था. भगवान विष्णु के परम भक्त प्रहलाद के पौत्र और दानवीर राजा होने के बावजूद राजा बलि एक अहंकारी राक्षस था. वह अपनी शक्ति का दुरुपयोग कर देवताओं और ब्राह्मणों को डराया, धमकाया करता था. अत्यन्त पराक्रमी और अजेय बलि अपने बल से स्वर्ग लोक, भू लोक और पाताल लोक का स्वामी बन गया.