उत्तराखंड में नए पर्यटन स्थलों का उभार छिपे रत्नों को संवार रही उत्तराखंड सरकार
देहरादून। विश्व धरोहर फूलों की घाटी अपनी प्राकृतिक सुंदरता और रंग-बिरंगे फूलों की वजह से पर्यटकों को बेहद आकर्षित कर रही है। इस साल यहां अब तक 243 विदेशी पर्यटक आ चुके हैं, जो पिछले साल की तुलना में लगभग दोगुना है। कुल पर्यटकों की संख्या में भी इस बार उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है।
जुलाई और अगस्त का महीना फूलों की घाटी के लिए सबसे खास माना जाता है, क्योंकि इसी समय यहां सबसे अधिक किस्मों के फूल खिलते हैं। इस समय घाटी में 300 से ज्यादा प्रजातियों के फूल खिले हुए हैं, जो किसी स्वर्गिक नज़ारे से कम नहीं हैं। रंग-बिरंगे फूलों से सजी ढलानों और हरियाली से घिरी घाटी की सुंदरता देखने लायक है।
छिपे रत्नों को संवार रही उत्तराखंड सरकार
उत्तराखंड, जिसे पहले से ही नैसर्गिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है, अब छिपे हुए पर्यटन स्थलों को भी विकसित करने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है। राज्य सरकार का उद्देश्य इन अनछुए स्थलों को पर्यटन के नक्शे पर लाना है ताकि ना केवल पर्यटकों को नए अनुभव मिलें, बल्कि राज्य की आर्थिक स्थिति भी सुदृढ़ हो सके।
कुमाऊं और गढ़वाल क्षेत्रों में कई नए पर्यटन स्थल उभरकर सामने आ रहे हैं। यहां होमस्टे कल्चर भी तेजी से लोकप्रिय हो रहा है, जो ग्रामीण क्षेत्रों में रोज़गार के नए अवसर पैदा कर रहा है। यदि इन स्थानों का प्रचार-प्रसार सही ढंग से किया गया, तो यह आने वाले वर्षों में पर्यटन के नए केंद्र बन सकते हैं। फूलों की घाटी जहां पर्यटकों के दिलों को पहले से ही जीत रही है, वहीं उत्तराखंड के अन्य छिपे हुए पर्यटन स्थल भविष्य में राज्य की पहचान और आमदनी दोनों को नया आयाम दे सकते हैं।