यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले में किसी एक कड़ी के बूते जांच आगे नहीं बढ़ पा रही है। गिरफ्तार होने वाला हर शख्स नए खुलासे कर रहा है। ऐसे में जांच कई दिशाओं में आगे बढ़ रही है। एसटीएफ की आठ टीमों को अलग-अलग दिशाओं में जांच के लिए लगाया गया है।
22 जुलाई को मुकदमा दर्ज होने के बाद एसटीएफ ने उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तरीय परीक्षा में पेपर लीक की जांच शुरू की थी। तीन दिन बाद ही छह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। पहले लगा कि इनमें से ही किसी ने पेपर लीक किया और अपने-अपने संपर्कों में बांटा। पूछताछ और जांच के बाद देहरादून के दो उपनल कर्मचारी नेताओं का नाम सामने आया। आरोपियों से पता चला कि उन्होंने सेलाकुई में रहते हुए वहां के कुछ अभ्यर्थियों को नकल कराई। कुछ पास हुए और कुछ फेल, लेकिन अब तक पकड़े गए लोगों ने किसी एक का नाम नहीं बताया।
यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामला में रोज एक नई कहानी का किरदार सामने आ रहा है नकल माफियाओं को नेस्तनाबूद करने के लिए केंद्रीय एजेंसियों से भी जानकारी साझा की जा रही है ऐसे में अवैध संपत्ति को लेकर कई बड़े नाम बेपर्दा होने का अंदेशा लग रहा है
मजबूत कानूनी शिकंजा कसने के लिए एसटीएफ ने कराए न्यायालय में अब तक पंद्रह अहम गवाहों के बयान कलमबंद करवाए है गवाहों के बारे में जानकारी गोपनीय रखी जा रही है अभी तक गिरफ्तार कुछ अभियुक्त के पेपर लीक मध्यम से काफी संपति अर्जित करने के तथ्य प्रकाश में आ रहे है साथ ही 83 लाख नकद बरामदगी भी हुई है
जिसको देखते हुए यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले की एफआईआर के साथ प्रारंभिक रिपोर्ट एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट को भेजी जा रही है और भविष्य में भी जो जानकारी अवैध संपति को लेकर विवेचना में आयेगी वो भी केंद्रीय एजेंसी से साझा की जाएगी