समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर प्रशिक्षण कार्यक्रम जनवरी के पहले सप्ताह में प्रारंभ होने की योजना है। इस कार्यक्रम में जिलाधिकारी कार्यालय से लेकर तहसील, ब्लॉक और गांवों के सर्विस सेंटर कर्मियों को यूसीसी के कानूनी प्रावधानों के बारे में जानकारी दी जाएगी। इसके अलावा, उन्हें यूसीसी के ऐप और वेबसाइट का उपयोग करके लोगों को शादी, तलाक, लिव-इन सहित विभिन्न पंजीकरण सेवाएं कराने, वसीयत तैयार करने और अन्य लाभ प्राप्त करने के तरीकों की शिक्षा दी जाएगी।
सचिव, गृह शैलेश बगौली ने बताया कि अगले सप्ताह से सरकार द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की जाएगी, जिसमें डीएम कार्यालय से लेकर एसडीएम, ग्राम विकास, नगर निगम, टैक्स विभाग सहित अन्य विभिन्न स्तरों पर प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। हालांकि, यह प्रक्रिया निरंतर चलने वाली होगी।
![बीजेपी संकल्प पत्र में पुष्कर सरकार का समान नागरिक संहिता (यूसीसी)](https://bhadas4india.com/wp-content/uploads/2024/04/UCC-scaled.jpg)
यूसीसी को वास्तविकता में लागू करने की सबसे बड़ी जिम्मेदारी नगर पंचायत और नगर पालिका स्तर के अधिकारियों तथा कर्मियों की होगी। हालांकि, मुख्यमंत्री धामी ने जनवरी में यूसीसी लागू करने की घोषणा की है, लेकिन सरकार का उद्देश्य पहले इसे यूजर-फ्रेंडली बनाना और नए कानून से संबंधित जानकारी से सभी कर्मियों को, खासकर गांवों में स्थित सर्विस सेंटर कर्मियों को, पूरी तरह से अवगत कराना है।
यूसीसी के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए सरकार ने पूर्व आईएएस शत्रुघ्न सिंह की अध्यक्षता में एक चार सदस्यीय क्रियान्वयन समिति का गठन किया है। यह समिति ब्यूरोक्रेट्स के प्रशिक्षण, मास्टर ट्रेनर्स तैयार करने, वेबसाइट सहित विभिन्न संसाधनों में मार्गदर्शन और परामर्श देने का कार्य कर रही है।
समिति में दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल, सामाजिक कार्यकर्ता मनु गौड़, एडीजीपी अमित सिन्हा और स्थानीय आयुक्त अजय मिश्रा शामिल हैं। वर्तमान में यूसीसी की अंतिम रिपोर्ट गृह विभाग के पास है। विधि विभाग ने उसमें कुछ संशोधन के सुझाव दिए हैं, जिन पर यूसीसी कार्यान्वयन समिति की सलाह के तहत काम किया जा रहा है।