यूपी से पांच अप्रैल तक शिक्षक उत्तराखंड न लौटे तो होंगे निलंबित Suspended if they do Not Return To Uttarakhand
उत्तराखंड के पहाड़ी ज़िलों से दूसरे स्टेट गए उत्तराखंड के शिक्षक वापिस उत्तराखंड नहीं लोटे हैं शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति समाप्त होने के बाद भी अगर वो नहीं लोटे उनको निलबित कर दिया जायेगा तीन साल की प्रतिनियुक्ति होने के बाद ये शिक्षक दूसरे स्टेट में अपनी सेवाएं दे रहे है ऐसे में अब शिक्षा विभाग को इनकी याद आई है शिक्षा विभाग इतने सालो से सोया रहा सवाल ये भी उठ रहा है।
उत्तराखंड के कई शिक्षक, यूपी, बिहार और दिल्ली में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। शासन की ओर से संबंधित शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति समाप्त कर दी गई है। शिक्षा सचिव की ओर से राज्य परियोजना निदेशक लखनऊ को लिखे पत्र में कहा गया है शिक्षक जिला समन्वयक के पद पर तीन साल के लिए प्रतिनियुक्ति पर गए थे।
जीआईसी सिप्टी चंपावत में प्रवक्ता विनोद कुमार, जिला परियोजना कार्यालय गौंडा में जिला समन्वयक और जीआईसी कलोगी उत्तरकाशी में प्रवक्ता सुनील कुमार पिछले पांच साल से भी अधिक समय से जिला परियोजना कार्यालय अयोध्या में कार्यरत हैं जबकि जीआईसी जाखणीधार टिहरी में प्रवक्ता सत्यनारायण पिछले 13 साल से भी अधिक समय से रमाबाईनगर यूपी में कार्यरत हैं। आदेश में कहा गया है नियमानुसार प्रतिनियुक्ति अधिकतम पांच साल तय है। प्रतिनियुक्ति की अवधि की समाप्ति की तिथि से उन्हें कार्यमुक्त माना जाएगा।