सिलक्यारा टनल बनेगा नया टूरिस्ट डेस्टिनेशन, ट्रैकिंग रूट से जुड़ेंगे बाबा बौखनाग
उत्तरकाशी के सीमांत क्षेत्र में स्थित सिलक्यारा टनल, जो कभी एक बड़े राहत एवं बचाव अभियान का केंद्र रही थी, अब साहसिक पर्यटन का नया केंद्र बनने जा रही है। उत्तराखंड सरकार इस ऐतिहासिक सुरंग को टूरिस्ट डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने की तैयारियों में जुट गई है।
यह वही सुरंग है जिसे देश-दुनिया ने तब देखा था, जब 42 मज़दूरों के फंसने की घटना ने सभी को हिला कर रख दिया था। लेकिन, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में सफल रेस्क्यू ऑपरेशन ने इस त्रासदी को एक उम्मीद और साहस की मिसाल में बदल दिया। यह वह जगह बन गई, जहां संकट में फंसे मजदूरों और उनके परिवारों ने दीपावली की रौशनी फिर से देखी।
अब राज्य सरकार इस ऐतिहासिक स्थान को एक पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करने जा रही है। इसके तहत, बड़कोट से बाबा बौखनाग तक ट्रैकिंग रूट विकसित किया जाएगा, जो आगे सिलक्यारा टनल तक पहुंचेगा। यह रूट चारधाम यात्रा से जुड़े श्रद्धालुओं के लिए भी आकर्षण का केंद्र बनेगा।
सचिव पर्यटन सचिन कुर्वे ने इस परियोजना को लेकर प्रमुख सचिव वन आर.के. सुधांशु को पत्र भेजा है, जिसमें इस ट्रैक रूट को वन विभाग की कार्य योजना में शामिल करने का आग्रह किया गया है। डीएफओ उत्तरकाशी, अपर यमुना प्रभाग और जिला पर्यटन अधिकारी के साथ बैठक कर इस प्रस्ताव पर मंथन हो चुका है।
सरकार की योजना न केवल क्षेत्रीय पर्यटन को बढ़ावा देने की है, बल्कि इस स्थल को साहसिक ट्रैकिंग, धार्मिक आस्था और प्रेरणा का संगम स्थल बनाने की है।मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुसार, सुरंग के पास बाबा बौखनाग मंदिर का निर्माण पहले ही पूरा हो चुका है। अब यह स्थल स्थानीय लोगों, श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए नई ऊर्जा और आस्था का केंद्र बनता जा रहा है।