Homeदेहरादूनपुष्कर सिंह धामी सरकार ने पूरा किया संकल्प 

पुष्कर सिंह धामी सरकार ने पूरा किया संकल्प 

पुष्कर सिंह धामी सरकार ने पूरा किया संकल्प

देहरादून। भाजपा ने विधानसभा में पेश महिला आरक्षण विधेयक, धार्मिक स्वतंत्रता कानून को अधिक कड़ा करने वाले संसोधन विधेयक समेत सदन पटल पर रखे सभी विधेयकों का स्वागत किया है महिला 30 फीसदी क्षैतिज आरक्षण वाले विधेयक से धामी सरकार ने उत्तराखंड की महिला वर्ग जो एक बड़ा वोट बैंक है महिला वर्ग में एक अलग छाप छोड़ी जानी वाली पहल की है उत्तराखंड में महिला वर्ग हर विधानसभा में किसी भी चुनाव में जीत का बड़ा योगदान देनी वाली वो शक्ति है जिसके बिना कोई भी वजूद बेकार है

धामी सरकार ने सदन में पेश किए गए विधेयक के माध्यम से महिला वर्ग को बीजेपी सरकार के उस वादे संकल्प को भी पूरा किया है जो चुनाव के समय किया जाता था इसका लाभ महिला वर्ग के लिए एक मजबूत आधार वाला बनेगा ऐसी उम्मीद की जा रही है पुष्कर सिंह धामी सरकार का संकल्प महिला वर्ग के बीच आगामी चुनाव के लिहाज से पॉलिटिकल लाभ वाला रहेगा सियासत के जानकार बताते है धामी सरकार अपने बूते संकल्प पूरा करने में जुटी हुई है जो भविष्य की राजनैतिक पिच पर बड़ा स्कोर वाला संकल्प है

पुष्कर सिंह धामी सरकार ने पूरा किया संकल्प 

बीजेपी संगठन की तरफ से जारी किए गए प्रेस नोट के माध्यम से धामी सरकार का स्वागत योग्य कदम बताते हुए  पार्टी प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट ने सीएम पुष्कर सिंह धामी का धन्यवाद करते हुए कहा कि मातृ शक्ति को 30 फीसदी क्षैतिज आरक्षण, प्रदेश की आधी आबादी को उसका पूरा हक दिलाने वाला है । साथ ही उम्मीद जतायी कि जबरन धर्मान्तरण पर 10 साल की सजा ऐसे अपराधियों में कानून का खौफ पैदा करने का काम करेगी ।

पार्टी प्रदेश अध्यक्ष ने विधानसभा में पेश भाजपा सरकार द्वारा पेश सभी विधेयकों को लोक कल्याणकारी एवं जन भावनाओं को पूरा करने वाला बताया । उन्होंने बहु प्रत्याशित महिलाओं को नौकरी में 30 % क्षैतिज आरक्षण देने के विधेयक पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि इस कदम के साथ भाजपा ने जनता से किये एक और संकल्प को पूरा करने का काम किया है । पहले सुप्रीम कोर्ट में पैरवी कर आरक्षण के खिलाफ हाईकोर्ट के निर्णय पर स्टे लिया और अब सदन में अध्यादेश लाकर धामी सरकार ने साबित किया है कि मातृशक्ति के सम्मान, स्वभिमान और सशक्तिकरण से बढ़कर हमारे लिए कुछ भी नही है ।

इसी तरह धार्मिक आधार पर प्रदेश में जनसांख्यिक परिवर्तन लाने के षड़यंत्र में लगे लोगों पर लगाम कसने के लिए धार्मिक स्वतंत्रता कानून उल्लंघन्न में 10 वर्ष तक की सजा एवं पीड़ित को 5 लाख तक के मुआवजे का प्रावधान भी हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है । उन्होंने कहा, कूड़ा निस्तारण, पंचायती राज कानून एवं दुकान एवं स्थापन कानून के सजा प्रावधानों को लेकर जनहित में किये बदलाव, जिला योजना समिति में क्षेत्र पंचायत प्रमुख को शामिल करना, स्टाम्प व राज्य अधिकार के अंतर्गत जीएसटी कानून आदि सभी विधेयकों को राज्यवासियों को राहत देने के उद्देश्य से लाये गए है।

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