हरिद्वार में डीएफओ रहते हुए बेनामी संपत्ति मामले में उत्तराखंड सरकार ने बड़ी पहल करते हुए मुकदमा दर्ज किए जाने का आदेश दिया है उत्तराखंड में भ्रष्टाचार के खिलाफ राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बड़ी पहल करते हुए नजर आ रहे हैं इसी का नतीजा है कि पिछले काफी समय से जांच कर रही विजिलेंस टीम को अब पूर्व आई एफ एस के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के निर्देश मिले हैं आपको बता दें उत्तराखंड में भ्रष्टाचार के खिलाफ राज्य के मुखिया ने मुहिम छेड़ रखी है इसी का नतीजा है कि कई विभागों में मुख्यमंत्री की भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम के बाद हड़कंप मचा हुआ है तमाम ऐसे लोग जो बेनामी संपत्ति के मालिक हैं उन पर भी अब जांच के बादल मंडराते हुए देखे जा रहे हैं
किशनचंद ने इस ट्रस्ट में लोगों से बड़ी मात्रा में धनराशि जमा कराई है। यह धन उन्होंने हरिद्वार के डीएफओ पद पर रहते हुए जमा कराया है। साथ ही विजिलेंस ने चार्जशीट में जिक्र किया है कि हरिद्वार डीएफओ रहते हुए लैंसडाउन प्रभाग में लोगों को नौकरी देने की एवज में उनकी जमीनें आईएफएस किशनचंद ने अपने नाम कराई हैं। इसके साथ ही देहरादून बसंत विहार में 2.40 करोड़ का मकान भी उन्होंने खरीदा है। मकान के लिए 60 लाख का ऋण स्कूल के ट्रस्ट से लिया गया है। पत्नी के खाते से 1.80 करोड़ लिए गए हैं। इस पैसे को एक दिन पहले अलग-अलग लोगों से जमा करवाया गया।