Thursday, October 23, 2025
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Physics Wala Online Coaching Class मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ऋषिकेश में सरस आजीविका मेले का किया उद्घाटन, 2.20 करोड़ रुपये की योजनाओं का किया लोकार्पण और शिलान्यास

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ऋषिकेश में सरस आजीविका मेले का किया उद्घाटन, 2.20 करोड़ रुपये की योजनाओं का किया लोकार्पण और शिलान्यास

ऋषिकेश, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ऋषिकेश में आयोजित “सरस आजीविका मेला” में प्रतिभाग करते हुए राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत क्लस्टर लेवल फेडरेशन (CLF) की 12 आर्थिक गतिविधियों हेतु 1.20 करोड़ रुपये की योजनाओं का लोकार्पण किया। साथ ही, 10 अन्य सीएलएफ के लिए प्रस्तावित 1 करोड़ रुपये की आर्थिक गतिविधियों का शिलान्यास भी किया गया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने “Rising Tehri – Physics Wala Online Coaching Class” का भी उद्घाटन किया। इस पहल के तहत अब ग्रामीण क्षेत्रों के छात्र-छात्राएं जेईई, नीट जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी अपने गांव-घर में रहते हुए ऑनलाइन माध्यम से कर सकेंगे।


“ग्रामोत्थान परियोजना” की पहल की सराहना

मुख्यमंत्री ने इस मेले में ग्राम्य विकास विभाग एवं जिला प्रशासन द्वारा संचालित ग्रामोत्थान परियोजना की विशेष सराहना की। उन्होंने कहा कि इस तरह की पहल ग्रामीण विकास को गति देने के साथ ही महिला सशक्तिकरण और स्थानीय उत्पादों के प्रोत्साहन में भी अहम भूमिका निभा रही हैं।


आजीविका मेले से “वोकल फॉर लोकल” को मिला नया आयाम

मुख्यमंत्री ने मेले में उपस्थित स्वयं सहायता समूहों, ग्रामीण उद्यमियों और बड़ी संख्या में मौजूद जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा,

“यह मेला हमारी ग्रामीण संस्कृति, परंपरा, कौशल और उद्यमिता को प्रदर्शित करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। ऐसे आयोजन प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘वोकल फॉर लोकल’ के विजन को साकार करने में सहयोगी बन रहे हैं।”

उन्होंने कहा कि इन मेलों के जरिए ग्रामीण कारीगर, महिला समूह, हस्तशिल्पी और कृषि उत्पादक अपने उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचाने में सफल हो रहे हैं। मेले में “स्वदेशी अपनाओ” थीम पर आधारित स्टॉल्स लोगों को स्थानीय उत्पादों को प्राथमिकता देने का संदेश दे रहे हैं।


“स्वदेशी अपनाना, सपनों में निवेश करना है” – मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हम स्वदेशी उत्पादों को अपनाते हैं, तो वह केवल एक वस्तु की खरीद नहीं होती, बल्कि वह हमारे ग्रामीण कारीगरों, मातृशक्ति और उद्यमियों के सपनों में सीधा निवेश होता है।

उन्होंने कहा,

“प्रधानमंत्री जी ने कहा है कि आत्मनिर्भर भारत की नींव स्वदेशी पर टिकी है। यह मेला उसी दिशा में एक मजबूत कदम है, जो स्थानीय उत्पादों को वैश्विक पहचान दिलाने का माध्यम बनेगा।”


महिला सशक्तिकरण की दिशा में सरकार के ठोस कदम

मुख्यमंत्री श्री धामी ने बताया कि महिला सशक्तिकरण राज्य सरकार की प्राथमिकता है।

  • “लखपति दीदी योजना” के अंतर्गत अब तक राज्य की 1.65 लाख महिलाएं लखपति बन चुकी हैं।
  • “मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव योजना” के अंतर्गत 2000 स्टॉल्स के जरिए 5.5 करोड़ रुपये के उत्पादों का विपणन किया गया है।
  • “मुख्यमंत्री महिला स्वयं सहायता समूह सशक्तिकरण योजना” महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बना रही है।

उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा शुरू किए गए “हाउस ऑफ हिमालयाज” ब्रांड के माध्यम से राज्य की महिलाओं द्वारा तैयार किए गए उत्पाद दुनिया भर में अपनी पहचान बना रहे हैं।


5 लाख से अधिक महिलाएं जुड़ी हैं स्वयं सहायता समूहों से

मुख्यमंत्री ने बताया कि आज राज्य में ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत 68,000 से अधिक स्वयं सहायता समूह कार्यरत हैं, जिनसे 5 लाख से अधिक महिलाएं जुड़ी हुई हैं। इसके अलावा 7,500 से अधिक ग्राम संगठन और 534 क्लस्टर लेवल संगठन भी गठित किए जा चुके हैं।


महिला किसानों को भी मिल रहा लाभ

महिला किसानों के विषय में बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार “फार्म लाइवलीहुड योजना” और “महिला किसान सशक्तिकरण योजना” के अंतर्गत 3 लाख से अधिक महिला किसानों के कौशल और क्षमता का विकास कर चुकी है।

  • 2.5 लाख एग्रीन्यूट्री गार्डन और किचन गार्डन स्थापित किए गए हैं।
  • 500 से अधिक फार्म मशीनरी बैंक उपलब्ध कराए गए हैं।
  • 5,000 से अधिक महिला किसान ऑर्गेनिक खेती से भी जुड़ी हैं।

इन प्रयासों से महिलाओं की आर्थिक स्थिति में महत्वपूर्ण सुधार हुआ है, और वे आत्मनिर्भरता की मिसाल पेश कर रही हैं।


कार्यक्रम में गणमान्यजन रहे उपस्थित

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री श्री गणेश जोशी, श्री सुबोध उनियाल, अनेक स्वयं सहायता समूहों के सदस्य, ग्रामीण उद्यमी एवं स्थानीय नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।


📌 निष्कर्ष

सरस आजीविका मेला न केवल स्थानीय उत्पादों के लिए एक सशक्त मंच बनकर उभरा है, बल्कि यह महिलाओं और ग्रामीण समुदायों की आर्थिक आत्मनिर्भरता की ओर भी बड़ा कदम है। मुख्यमंत्री की यह पहल उत्तराखंड को एक मजबूत, आत्मनिर्भर और उद्यमशील राज्य बनाने की दिशा में प्रभावी सिद्ध हो रही है।

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