ऑपरेशन सिंदूर: पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर भारत का सटीक प्रहार, हवाई सेवाएं प्रभावित, हाई अलर्ट जारी
नई दिल्ली। भारतीय सशस्त्र बलों ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में 6-7 मई की रात ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अंजाम दिया। इस ऑपरेशन में पाकिस्तान और POK में स्थित 9 आतंकी ठिकानों पर 24 मिसाइलें दागी गईं, जिनमें कई पूरी तरह तबाह हो गए। यह कार्रवाई भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना के संयुक्त ऑपरेशन का हिस्सा थी, जो रात 1:05 बजे से 1:30 बजे तक महज 25 मिनट में अंजाम दी गई।
आतंकी ढांचे पर जोरदार प्रहार
सूत्रों के अनुसार, ध्वस्त किए गए इन ठिकानों में 5 POK और 4 पाकिस्तान में स्थित थे। इन स्थानों का उपयोग आतंकियों की भर्ती, प्रशिक्षण और भारत में हमलों की योजना के लिए किया जा रहा था। खास बात यह रही कि इस हमले में जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर के परिवार के 10 सदस्य भी मारे गए।
एयरस्पेस टेंशन: देशभर में हवाई सेवाएं प्रभावित
ऑपरेशन के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। भारत में कम से कम 18 एयरपोर्ट्स को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है, जिनमें श्रीनगर, जम्मू, लेह, अमृतसर, चंडीगढ़, जोधपुर, जैसलमेर, धर्मशाला, पठानकोट, शिमला और जामनगर प्रमुख हैं।
200 से अधिक उड़ानें रद्द
- इंडिगो ने अकेले 165 उड़ानें रद्द की हैं।
- दिल्ली एयरपोर्ट से 35 से ज्यादा उड़ानें प्रभावित (23 डिपार्चर, 8 अराइवल, 4 इंटरनेशनल)।
- एयर इंडिया ने 10 मई सुबह 5:29 बजे तक जम्मू, श्रीनगर, जोधपुर, भुज, राजकोट समेत कई गंतव्यों की उड़ानें रद्द कर दी हैं।
एयरलाइंस ने यात्रियों को फुल रिफंड या री-शेड्यूलिंग की सुविधा देने की घोषणा की है।
इंडिगो और स्पाइसजेट ने यात्रियों से अनुरोध किया है कि वे एयरपोर्ट जाने से पहले अपनी उड़ान की स्थिति की जांच करें।
अंतरराष्ट्रीय असर: कतर एयरवेज ने उड़ानें रोकीं
कतर एयरवेज ने पाकिस्तान द्वारा एयरस्पेस आंशिक रूप से बंद किए जाने के चलते पाकिस्तान के लिए अपनी उड़ानों को अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया है। इस घटनाक्रम का असर दक्षिण एशियाई हवाई यातायात पर साफ दिखने लगा है।
संदेश साफ है: भारत अब पहले जैसा नहीं
‘ऑपरेशन सिंदूर’ सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि यह भारत की नई सुरक्षा नीति और निर्णायक नेतृत्व का परिचायक है। अब आतंकी हमले का जवाब सटीक और समयबद्ध सैन्य कार्रवाई से दिया जाएगा, भले ही दुश्मन सीमा पार ही क्यों न हो।
निष्कर्ष:
भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि आतंक के अड्डों पर अब ‘सहनशीलता नहीं, संहार’ होगा। ऑपरेशन सिंदूर के बाद बदलते भू-राजनीतिक हालात में यह कार्रवाई क्षेत्रीय स्थिरता के लिए भी एक निर्णायक मोड़ साबित हो सकती है।