भ्रष्टाचार पर धामी सरकार का सख्त रुख, नैनीताल में मुख्य कोषाधिकारी रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार
देहरादून/नैनीताल। उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में भ्रष्टाचार के विरुद्ध “जीरो टॉलरेंस” नीति के तहत लगातार सख्त कार्रवाई की जा रही है। इसी क्रम में शुक्रवार को विजिलेंस टीम ने नैनीताल के मुख्य कोषाधिकारी और कोषागार के एकाउंटेंट को ₹1.20 लाख की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है।
पिछले तीन वर्षों में विजिलेंस और कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने अब तक 150 से अधिक अधिकारियों, कर्मचारियों और माफियाओं को गिरफ्तार कर जेल भेजा है, जिनमें IAS, IFS, इंजीनियर, जीएसटी असिस्टेंट कमिश्नर तक शामिल हैं। सरकार का स्पष्ट संदेश है कि भ्रष्टाचार में संलिप्त किसी भी स्तर के व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।
प्रमुख मामलों में तेज़ कार्रवाई
राज्य भर में विभिन्न विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों पर की गई विजिलेंस कार्रवाई से यह स्पष्ट है कि सरकार किसी भी भ्रष्टाचार की शिकायत पर त्वरित और ठोस कार्रवाई कर रही है। प्रमुख मामलों में शामिल हैं:
- AE, लोक निर्माण विभाग (नैनीताल): ₹10,000 रिश्वत लेते पकड़ा गया
- JE, बिजली विभाग (हरबर्टपुर): ₹15,000 रिश्वत लेते गिरफ्तार
- LIU उप निरीक्षक व मुख्य आरक्षी (रामनगर): गिरफ्तार
- RTO कर्मचारी (कोटद्वार): ₹3,000 रिश्वत लेते गिरफ्तार
- AGM, रोडवेज (काशीपुर): ₹90,000 रिश्वत मांगने पर गिरफ्तार
- खंड शिक्षा अधिकारी (खानपुर): ₹10,000 रिश्वत लेते गिरफ्तार
- GST असिस्टेंट कमिश्नर (देहरादून): ₹75,000 रिश्वत लेते गिरफ्तार
- जिला आबकारी अधिकारी (रुद्रपुर): ₹1 लाख रिश्वत मांगने पर कार्रवाई
- कानूनगो (पौड़ी): भूमि सीमांकन के एवज में ₹15,000 रिश्वत लेते पकड़ा गया
- सीएम हेल्पलाइन कर्मचारी (हरिद्वार): शिकायत निपटाने के एवज में रिश्वत मांगने पर गिरफ्तार
नकल विरोधी कानून बना बदलाव का आधार
शिक्षा क्षेत्र में पारदर्शिता लाने के लिए लागू किए गए नकल विरोधी कानून के तहत भी बड़ी कार्रवाई हुई है। अब तक 80 से अधिक नकल माफियाओं को गिरफ्तार किया गया है। इसका असर यह रहा है कि पिछले तीन वर्षों में करीब 23,000 युवाओं को पूरी पारदर्शिता के साथ सरकारी नौकरी दी गई है, और नकल की एक भी शिकायत सामने नहीं आई है।
धामी सरकार की नीति ला रही है बदलाव
मुख्यमंत्री धामी ने स्पष्ट किया है कि सरकार की प्राथमिकता स्वच्छ प्रशासन, पारदर्शिता और जनविश्वास की पुनर्स्थापना है। भ्रष्टाचार के विरुद्ध यह निर्णायक अभियान आने वाले समय में भी जारी रहेगा।