मंसूरी में चिंतन चिंता में सरकार पुष्कर ने देखी विकास की क्लास
उधम सिंह नगर उत्तराखंड में लगातार तेजी से राजनीति का पारा बदलता देखा जा रहा है सियासत में निकाय चुनाव अभी उत्तराखंड में होने है ऐसे में होमवर्क करती बीजेपी कितनी अपनी राजनैतिक पारी के लिए रेड्डी है वो भी देखना है 2024 से पहले निकाय चुनाव सरकार के लिए एक बड़ी अग्नि परीक्षा सरीखे होने वाले है हालाकि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपने बूते उत्तराखंड में जनसेवक के रूप में अपना काम बखूबी कर रहे है लेकिन उनको बीजेपी के कितने मंत्री से लेकर विधायको का भरोसा मिल रहा है.
सियासत में ये बाते भी चर्चा का विषय बनती हुए नजर आने लगी है धामी अपने राजनैतिक कोशल से उत्तराखंड की सियासत में विरोधी कैंप से लेकर विपक्ष को संभाले हुए है हालाकि अब उत्तराखंड की सियासत में हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक की भूमिका को भी सीएम दरबार तक देखा जा रहा है हरिद्वार पंचायत चुनाव में निशंक की भूमिका सरकार के लिए एक बड़ा ऐतिहासिक विजय राज्य गठन के बाद से रही हालाकि पंचायत चुनाव में जीत का दारोमदार पुष्कर सिंह धामी के लिए लंबी पारी चलाए जाने के लिए मील का पत्थर बन सकता है.
धामी जितनी मेहनत अपने बूते कर रहे है अगर पूरी कैबिनेट मिलकर बीजेपी सरकार के लिए कर ले तो विपक्ष के पास सियासत के लिए राजनैतिक मैदान ही नही बचेगा ऐसे में लाजमी है कुछ सीएम की कुर्सी का सपना देखने वाले अभी भी मौके का इंतजार कर रहे है ऐसा नही है राजा को जानकारी नहीं बल्कि हर हार जीत की बिसात भी धामी बिछा कर सियासत कर रहे है धामी के पास हर फीडबैक अलग अलग सोर्स से पहुंच जाता है.
सीएम दरबार में दरबारी राजा के लिए कोई फायदे वाला सिग्नल देते नजर नही आते पहली पारी के कुछ ऐसे फैसले अभी भी धामी दरबार के लिए सिरदर्द बने हुए है अपने से अलग करने की लाख कोशिश के बाद भी धामी दरबार से रुखसत किए जाने में देरी एक बड़े नुकसान का इशारा भी कर सकती है समय रहते मजबूत टीम के साथ सियासत की पारी को आगे बढ़ाने के लिए काम का बटवारा नए सिरे से करने की जरूरत महसूस की जा रही है.
मंसूरी चिंतन शिविर से जो बाते निकल कर सामने आ रही है वो उत्तराखंड में अफसर लॉबी कितना वर्क कल्चर सरकार के लिए कर रही है वो भी सोचने वाला विषय बन गई है सबसे बड़े पद पर मौजूद अफसर अगर काम नही करने वाले अफसरों को वीआरएस लेने वाली बात बोल रहा है तो हकीकत क्या है बताते की जरूरत नहीं यही वजह रही चिंता करने वाला राजा चुपचाप चिंतित होकर चिन्तन शिविर के अमृत रूपी परिणाम को देखने स्वयं पीछे वाली पंक्ति पर जाकर मौजूद रहा ताकि सत्य पता चल सके.
पुष्कर सिंह धामी यूथ की लेबोरेट्री से वो सियासत के राजा की कुर्सी तक पहुंचा है जो हर सियासत की चाल पर क्या करना है बखूबी जानता है फिलहाल सियासत के राजा पुष्कर अपने बूते उत्तराखंड के सी एम की कुर्सी पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की विजन विकास यात्रा के ध्वज वाहक बनकर काम कर रहे है .