Homeराष्टीयमहाभारत काल में लगा था अमावस्या पर सूर्यग्रहण 27 सालो बाद अमावस्या...

महाभारत काल में लगा था अमावस्या पर सूर्यग्रहण 27 सालो बाद अमावस्या पर नहीं हुई दीपावली

महाभारत काल में लगा था अमावस्या पर सूर्यग्रहण

27 सालो बाद अमावस्या पर नहीं हुई दीपावली MAHABHARAT KAAL BIG NEWS INDIA देहरादून अमावस्या पर सूर्यग्रहण मंगलवार का दिन 25 अक्तूबर को कोई त्योहार का उत्सव नहीं मनाया गया जबकि हर साल ये दिन दीपावली उत्सव के रूप में मनाया जाता था करीब 27 साल बाद अमावस्या पर सूर्यग्रहण भारत सहित दुनिया में देखा गया उत्तराखंड में हरिद्वार में करीब बीस दिनों से बंद माँ गंगा में भारी संख्या में आस्था की डुबकी लगाते हुए देश दुनिया के श्रदालु पहुंचे शाम को माँ गंगा की आरती में काफी संख्या में पूजा अर्चना करते हुए लोगो की भीड़ उमड़ी।

बाबा केदारनाथ धाम बदीनाथ गंगोत्री यमनोत्री सहित बड़े मंदिरो में सूर्यग्रहण के चलते कपाट बंद रहे जो सूर्यग्रहण ख़त्म होने के बाद शाम को पूजना आरती के साथ खोले गए बड़ी संख्या में बाबा केदारनाथ धाम की यात्रा में लोगो की भीड़ केदार नगरी में पहुंची है श्री बदरीनाथ धाम श्री केदारनाथ धाम सहित चारधाम के छोटे बड़े मंदिर आज सूर्यग्रहण के दौरान बंद होने के बाद भी बड़ी संख्या में लोगो की भीड़ यात्रा मार्गो पर नज़र आई है।

ये खबर भी पढ़े : अनिल बलूनी त्रिवेंद्र सिंह रावत के बीच खटास का कारण बनी थी ईगास

श्री बदरीनाथ धाम 25 अक्टूबर मंदिर खुला 2.30 बजे प्रात: अभिषेक 3 बजे मंदिर बंद हुआ प्रात: 4 बजकर 15 मिनट पर शाम को मंदिर खुला 5 बजकर 32 मिनट पर रात्रि को शुद्धिकरण अभिषेक शाम 6 बजकर 15 मिनट पर किया गया शयन आरती के बाद रात्रि को मंदिर बंद होगा 9.30 बजे लगभग बंद किया जायेगा।

श्री केदारनाथ धाम रात्रि महामृत्युंजय पाठ/ अभिषेक 24 अक्टूबर रात्रि 10 बजे। मंदिर खुला 25 अक्टूबर प्रात: 3 बजे
4 बजे प्रात: तक देव दर्शन।बालभोग चढाया गया। प्रात: 4 15 मंदिर के कपाट बंद हो गये। शाम 5 बजकर 32 मिनट पर मंदिर खुलेगा। साफ सफाई, शुद्धिकरण हवन के बाद 7 बजे भगवान का अभिषेक श्रृंगार, शयन आरती के बाद 8.30 बजे शायंकाल को श्री केदारनाथ मंदिर बंद हो जायेगा।

चारधाम के सभी छोटे-बड़े मंदिर ग्रहणकाल के अनुसार आज बंद हैं। ग्रहण की समाप्ति शायंकाल 5 बजकर 32 मिनट के बाद सभी मंदिरों के कपाट खुलेंगे। हवन शूद्धिकरण के पश्चात अभिषेक-शयन पूजायें होंगी ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, ऐसा संयोग 27 साल बाद देखने को मिला है। यह ग्रहण भारतवर्ष सहित मध्य पूर्व, पश्चिम एशिया आदि स्थानों पर दिखाई दिया। इसका सूतक प्रभाव प्रात: काल इसी दिन 4:28 बजे से शुरू हो गया था। उत्तराखंड में लोग सूर्य ग्रहण को देखने के लिए काफी उत्साहित दिखाई दिए।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

error: Content is protected !!