देहरादून उत्तराखंड में बाबा केदारनाथ धाम पर सियासत का साजिश रंग उड़ा चुके सीएम पुष्कर सिंह धामी बाबा केदारनाथ पहुंचे धाम में पूजा अर्चना करने के बाद वो कामों की प्रगति को भी परख गए पिछले कई दिनों से दिल्ली में मंदिर विवाद पर सियासत का ऐसा खेल रचा गया जिसकी धमक से धामी सरकार को बैक फूट पर लाने के मंसूबे कामयाब नहीं हो सके धामी अपनों से जुझते नजर आए तो वही निशाने पर बने धामी मीडिया से लेकर हर जगह ट्रोल किए गए ऐसा अचानक से क्यों हुआ इसको लेकर राजनैतिक गलियारों में चर्चा गरम रही
केदारनाथ में आने वाले समय में सियासत का नया रंग देखने को मिलेगा कांग्रेस हरिद्वार से पैदल यात्रा शुरू कर केदार पर धार्मिक स्थलों का हवाला देकर सरकार को कोस रही है जबकि हकीकत ये है पुष्कर को एक साजिश के तहत मंदिर निर्माण में पूरी तरह झोखकर रखा गया धामी के खिलाफ पहले भी ऐसी साजिश के बीज बोकर फसल कटाने का मंसूबा पाले सियासती चोले वाले लंबरदार बेनकाब हो चुके है
पुष्कर सरकार की तारीफ में कसीदे गढ़ते विपक्षी विधायक खटीमा नानकमत्ता चकराता धारचूला सहित कुछ ऐसे नाम मीडिया की सुर्खिया बन चुके है तो आसानी से समझा जा सकता है आखिर वो राजनेता कौन है जिनको धामी अच्छे नहीं लग रहे क्या ऐसे चेहरे बेनकाब होकर अपनी राजनैतिक जमीन बचाए रखने में सफल होगे इसकी गारंटी भविष्य में नजर नहीं आती
केदारनाथ उपचुनाव से पहले दो सीटो पर उपचुनाव परिणाम से कांग्रेस ऊर्जा में प्रदेश अध्यक्ष करण मेहरा को राजनैतिक मजबूती देने के लिए हरीश रावत काफी कुछ सोच रहे है आखिरकार रानीखेत से पारिवारिक प्रेम सियासत में भरपूर टपक रहा है ऐसे में पूरी कहानी आसानी से समझी जा सकती है कांग्रेस में एक गुट केदारनाथ उपचुनाव में जीत की हैट्रिक को लेकर बेताब है तो वही एक गुट सियासत को पंचर करने का मंसूबा पाले बैठा है कुछ ऐसे भी है जो खबर का रंग बदल कर बदला लेना चाहते है उनके अपने एजेंडे में धामी जी अच्छे नहीं लग रहे क्योंकि रंग गढ़वाल का उतार चुके धामी नई सियासत का सामना करने को तैयार है