अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव: बोलीं जया किशोरी – आज गुरु खुद को ईश्वर से बड़ा समझने लगे हैं, ये धर्म के लिए खतरनाक
ऋषिकेश, 4 मार्च 2025 अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव के चौथे दिन, प्रसिद्ध कथावाचक जया किशोरी ने साधकों को संबोधित करते हुए गुरु-शिष्य परंपरा और धर्म के महत्व पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि आजकल के गुरु खुद को भगवान से बड़ा समझने लगे हैं, जो धर्म और आध्यात्म के लिए खतरनाक स्थिति है। जया किशोरी ने स्पष्ट किया कि गुरु का मुख्य काम व्यक्ति को भगवान से जोड़ने का है, न कि खुद को। उन्होंने यह भी कहा कि गुरु ईश्वर से कभी बड़ा नहीं हो सकता, बल्कि वह तो केवल भगवान तक पहुंचने का मार्ग दिखाता है।
मुनि की रेती स्थित गंगा रिजॉर्ट में आयोजित सात दिवसीय इस महोत्सव के दौरान जया किशोरी ने साधकों को यह भी बताया कि धर्म की सच्चाई और आध्यात्मिक ज्ञान कभी भी नया नहीं होता, बस उसे प्रस्तुत करने का तरीका अलग-अलग हो सकता है। उन्होंने कहा, “गुरु सिर्फ उस ज्ञान पर धूल की परत हटाने का काम करता है, जो पहले से मौजूद है।” उन्होंने साधकों को यह भी समझाया कि जो जल्दी समझ जाता है, उसका कर्तव्य है कि वह दूसरों को भी समझाने में मदद करे।
महिला और पुरुष के बीच समानता पर अपनी बात रखते हुए जया किशोरी ने कहा कि दोनों की सोच में अंतर केवल उनकी परवरिश का परिणाम होता है। अगर बचपन से ही लड़के और लड़कियों को समान शिक्षा और संस्कार मिलें, तो दोनों की सोच एक जैसी हो सकती है।
इस अवसर पर उन्होंने योग के महत्व पर भी जोर दिया और साधकों से आग्रह किया कि वे अपने मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए योग को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं।