प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह बयान पहलगाम आतंकी हमले के बाद उनकी सरकार की सख्त और निर्णायक नीति का प्रतिबिंब है। उन्होंने आतंकियों के खिलाफ स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी है और देशवासियों को भरोसा दिलाया है कि सरकार इस हमले के पीछे शामिल हर एक व्यक्ति को न्याय के कठघरे में लाकर ही दम लेगी। यह भाषण भावनात्मक, दृढ़ और देश की एकता का प्रतीक है।
कुछ प्रमुख बातें जो इस बयान में उभरकर आती हैं:
आतंकियों के खिलाफ सख्त रुख:
प्रधानमंत्री ने साफ कहा कि इस हमले के साजिशकर्ताओं और अंजाम देने वालों को “कल्पना से भी बड़ी सजा” मिलेगी। यह संकेत है कि भारत आतंक के खिलाफ कोई नरमी नहीं बरतेगा।
अंतरराष्ट्रीय संदेश:
“आज बिहार की सरजमीं से मैं पूरी दुनिया से कहना चाहता हूं…” — ये शब्द वैश्विक समुदाय को संकेत देते हैं कि भारत आतंक के मुद्दे पर वैश्विक सहयोग चाहता है, और साथ ही भारत की संप्रभुता पर हमला अब सिर्फ भारत का नहीं, बल्कि मानवता का मुद्दा है।
राष्ट्र की एकता और संवेदना:
देश की विविध भाषाओं और प्रांतों का उल्लेख कर उन्होंने ये संदेश दिया कि आतंक का वार किसी एक पर नहीं, पूरे भारत पर हुआ है — “करगिल से कन्याकुमारी तक दुख और आक्रोश एक जैसा है।”
विकास और विश्वास की दिशा में कदम:
बिहार में बुनियादी ढांचे के विकास की बातें — दरभंगा एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी, पटना एयरपोर्ट का विस्तार, और 11000 करोड़ रुपये की बाढ़ राहत योजना — ये सब जनता को यह भरोसा दिलाने के लिए हैं कि सरकार सिर्फ सुरक्षा ही नहीं, समग्र विकास पर भी ध्यान दे रही है।