नाबालिगों में विवाह की बढ़ती प्रवृत्ति पर हाईकोर्ट सख्त, सरकार से दो हफ्ते में जागरूकता योजना मांगी
नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने किशोरावस्था में विवाह करने वाले युवाओं की बढ़ती संख्या पर गहरी चिंता जताई है। कोर्ट ने इस प्रवृत्ति को “चिंताजनक सामाजिक संकेत” बताते हुए सरकार को निर्देश दिया है कि दो सप्ताह के भीतर इस विषय पर व्यापक जन-जागरूकता योजना तैयार कर प्रस्तुत की जाए।
मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने एक मामले की सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की, जिसमें 19 वर्षीय युवक ने अपनी उम्र की युवती से विवाह कर, युवती के परिजनों से सुरक्षा की मांग करते हुए याचिका दायर की थी।
हाईकोर्ट की चिंता:
- बड़ी संख्या में नाबालिग युवक-युवतियां विवाह कर रहे हैं।
- ऐसे जोड़े कोर्ट में जाकर सुरक्षा की मांग कर रहे हैं।
- कई मामलों में लड़कियां नाबालिग पाई गईं, और लड़कों पर POCSO एक्ट के तहत केस दर्ज हुआ।
- परिणामस्वरूप पति जेल चला गया, लड़की अकेली, बच्चा निराश्रित हो गया।