Homeइंटरनेशनलगोपाष्टमी भगवान श्रीकृष्ण ऐसे होते है प्रसन्न

गोपाष्टमी भगवान श्रीकृष्ण ऐसे होते है प्रसन्न

गोपाष्टमी भगवान श्रीकृष्ण ऐसे होते है प्रसन्न गोपाष्टमी 20 नवंबर को है। मान्यता के अनुसार इस दिन सर्वप्रथम भगवान कृष्ण ने गायों को चराना आरंभ किया था, इसलिए इस दिन गौ माता के साथ बछड़े की भी पूजा की जाती है।

कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को गोपाष्टमी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन खासतौर पर गौ माता की पूजा और सेवा करने का विधान है। इस साल गोपाष्टमी 20 नवंबर को है। मान्यता के अनुसार इस दिन सर्वप्रथम भगवान कृष्ण ने गायों को चराना आरंभ किया था, इसलिए इस दिन गौ माता के साथ बछड़े की भी पूजा की जाती है। मान्यता है कि यदि गोपाष्टमी के दिन विधि-विधान से गाय का पूजन व सेवा की जाए तो देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है। गाय की पूजा करने से श्री कृष्ण प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों पर कृपा बरसाते हैं। इस दिन गाय की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि और शांति का वास होता है।

 

गोपाष्टमी भगवान श्रीकृष्ण ऐसे होते है प्रसन्न
जी हां भगवान श्री कृष्ण अपने भक्तो पर हमेशा दयावान बनकर आश्रीवाद बनाये रखते है भगवान श्री कृष्ण की नगरी मथुरा में उनकी पूजा का विशेष महत्व कार्तिक महीने में रहता है गोपाष्टमी में भगवान श्रीकृष्ण को प्रसन्न करने के लिए गायों की पूजा किये जाने का विशेष महत्व है

गोपाष्टमी पर ऐसे करें गौ माता की पूजा
अष्टमी तिथि को ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सबसे पहले स्वयं स्नानादि करना चाहिए और भगवान कृष्ण के समक्ष दीप प्रज्वलित करें। इसके बाद गाय और उसके बछड़े को नहलाकर तैयार करें और गाय को घुंघरू आदि पहनाएं।
गाय को आभूषण या फूलों की माला पहनाकर श्रंगार करें। गौ माता के सींग रंगकर उनमें चुनरी बांधे।
अब गाय भलिभांति गाय का पूजन करें और भोजन कराएं। इसके बाद गाय की परिक्रमा करें।
गोधूलि बेला में पुनः गाय का पूजन करें और उन्हें गुड़, हरा चारा आदि खिलाएं।
यदि आपके घर में गाय न हो तो किसी गौशाला में जाकर गाय का पूजन कर सकते हैं।

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