Homeहरिद्वारगायत्री मंत्र के 24 अक्षरों से 24 सद्ग्रन्थियों जाग्रत

गायत्री मंत्र के 24 अक्षरों से 24 सद्ग्रन्थियों जाग्रत

गायत्री मंत्र के 24 अक्षरों से 24 सद्ग्रन्थियों जाग्रत Gaytri Mantra 24 Akshar केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को देव संस्कृति विश्वविद्यालय शान्तिकुंज के मृत्युंजय सभागार में में स्वर्ण जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में ‘‘मनुष्य में देवत्व का उदय, धरती पर स्वर्ग का अवतरण’’ विषय पर आयोजित व्याख्यान माला में भाग लिया। कार्यक्रम का शुभारम्भ मंत्रोच्चारण के बीच दीप प्रज्जवलित कर किया गया।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने समारोह को सम्बोधित करते हुये कहा कि गायत्री परिवार ने सनातन धर्म का पूरे विश्व में प्रचार-प्रसार किया। उन्होंने कहा कि गायत्री परिवार अपना स्वर्ण जयन्ती महोत्सव मना रहा है तथा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। उन्होंने कहा कि अच्छे कार्य होते हैं तो देश की संस्कृति को ऊर्जा मिलती है। हम ऐसी गतिविधियों का हमेशा समर्थन करते हैं।

अमित शाह ने कहा कि हम बदलेंगे तो युग बदलेगा। इससे आशावाद की भावना मजबूत होती है। उन्होंने कहा कि इससे विश्वास होता है कि युग परिवर्तन का रास्ता यही है, यहीं से हम गन्तव्य तक पहुंच सकते हैं। उन्होंने कहा कि करोड़ों गायत्री मंत्रों के उच्चारण से यहां दिव्य वातावरण बना है। इससे आनन्द व उत्साह दोनों बढ़ते हैं।

अमित शाह ने विश्वविद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थिंयों की ओर इशारा करते हुए कहा कि आप सभी सौभाग्यशाली हैं कि आपको यहां अध्ययन करने का अवसर मिला है। उन्होंने कहा कि भौतिक संसाधन तो डॉक्टर, इंजीनियर आदि भी जुटा लेते हैं, लेकिन वास्तविक शान्ति आध्यात्मिकता से जुड़ने से ही मिल सकती है।

गृह मंत्री ने आचार्य श्रीराम शर्मा का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने अपना पूरा जीवन का कालखण्ड गायत्री मंत्र को घर-घर तक पहुंचाने में लगा दिया। इसमें उनका बहुत बड़ा योगदान है। उन्होंने गायत्री मंत्र के 24 अक्षरों का उल्लेख करते हुए कहा कि गायत्री मंत्र के 24 अक्षर, 24 सद्ग्रन्थियों को जाग्रत करते हैं, जो हमें देवत्व की ओर ले जाते हैं। उन्होंने गायत्री मंत्र के महत्व का उल्लेख करते हुए कहा कि दिव्य गायत्री मंत्र का शुद्ध उच्चारण करने से यह आपको देवत्व की ओर ले जा सकता है।

उन्होंने बताया कि मैं चार साल की आयु से गायत्री मंत्र का जाप कर रहा हूं। उन्होंने ज्ञान का जिक्र करते हुए कहा कि संगीत, गणित आदि ज्ञान है, लेकिन उस ज्ञान का प्रयोग अगर स्व से समग्र की ओर करते हैं, तो बस वही सही ज्ञान है। उन्हांने कहा कि मानव जीवन की मूल भावना करूणा है। ईश्वर ने हम सबको समान क्षमता व समान सद्ग्रन्थियां दी हैं, लेकिन आवश्यकता उन्हें जाग्रत करने की है। उन्होंने कहा कि गायत्री मंत्र का वेद सम्मत उच्चारण करने से जीवन में परिवर्तन आ जाता है। उन्होंने कहा कि आचार्य श्रीराम शर्मा जी द्वारा सद् संकल्पों को संकलित करने में बहुत बड़ा योगदान है।

आजादी का अमृत महोत्सव का जिक्र करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि देश की आजादी के लिए हमारे पूर्वजों ने काफी बलिदान दिये। उन्होंने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव संकल्प लेने का वर्ष है। उन्होंने कहा कि हम छोटे-छोटे संकल्प लेकर जैसे पानी बचाना, अन्न की बर्बादी रोकना आदि का संकल्प लेकर भारत को विश्वगुरू के पद पर स्थापित कर सकते हैं। देश में परिवर्तन की शुरूआत हुई है। परिवर्तन को गति तब मिलती है, जब देश का प्रत्येक नागरिक उससे जुड़ता है। आज देश में परिवर्तन दिखाई दे रहा है। अमित शाह ने कहा कि देश में हम नई शिक्षा नीति लेकर आये हैं। इससे भविष्य में बहुत बड़ा बदलाव दिखाई देगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

error: Content is protected !!