गैरसैण सत्र में पहली बार ऐसी तस्वीर देखने को मिली जो राज्य बन जाने के बाद आज तक नहीं देखी होगी सरकार के मुखिया विधानसभा सत्र तक सिमित नहीं रहे सदन की कारवाही से लेकर वो कई जगह पर जनता की फरियाद से लेकर आपदा पीड़ितो के बीच नज़र आए विपक्ष उनके राजनैतिक विजन और सोच से विचलित हो सकता है लेकिन असल में मुख्य सेवक पुष्कर सिंह धामी का ये रूप गैरसैण सत्र में देखने को मिला है।
गैरसैण में विधानसभा सत्र सरकारें आहूत करती रही है लेकिन राज्य निर्माण के बाद पहली बार उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सदन में पूरा समय मौजूद रहकर सरकार का काम काज देर रात तक करते नज़र आये है पहले की सरकारों में शाम होते ही कमरों में कैद होने वाले नेता पुष्कर सरकार का काम करने का मिशन बखूबी देख रहे है हर तरफ चर्चा का केंद्र बन चुके धामी का राजनैतिक कद कुछ अलग करने की सोच से आगे बढ़ता देखा जा रहा है विपक्ष के कई नेता भी रोज़ाना धामी संग ब्रेक फ़ास्ट से लेकर डिनर करते देखे गए है।
गैरसैंण में उत्तराखंड विधानसभा के मानसून सत्र का आज शुक्रवार तीसरा और आखिरी दिन है। बीते दो दिनों में सदन में आठ विधेयक पेश हुए। वहीं, करीब पांच हजार करोड़ का अनुपूरक बजट भी पेश किया गया था। आज सदन में प्रश्नों पर चर्चा चल रही है जिसका जवाब सरकार के मंत्री सदन में दे रहे है सदन में शाम तक बजट व विधेयक पास होंगे।
गैरसैण में सत्र के बीच आपदा प्रभावितो के बीच से लेकर धार्मिक आयोजन में शामिल होने से हर जगह जहा तक धामी पहुँच सकते थे ऐसा करने में वो पूरी तरह कामयाब हुए है चलिये जानते है धामी का सत्र के साथ साथ कैसा रहा तीन दिनों तक का सफरनामा गैरसैंण के सारकोट गांव में शहीद के घर पहुँचे मुख्यमंत्री।
लेह-लद्दाख में ड्यूटी के दौरान शहीद हुए हवलदार बसुदेव सिंह के परिजनों से मिलकर व्यक्त की शोक-संवेदना।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को गैरसैंण स्थित सारकोट में लेह-लद्दाख में ड्यूटी के दौरान शहीद हवलदार बसुदेव सिंह के पैतृक आवास पहुंचकर उनके परिजनों से मिलकर शोक संवेदना व्यक्त की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हवलदार बसुदेव सिंह ने देश की रक्षा करते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है, जिसके लिये पूरा देश उनका ऋणी रहेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार शहीद के परिजनों के साथ खड़ी है। उन्होंने शहीद हवलदार के परिजनों को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को जनपद टिहरी क्षेत्रांतर्गत घुत्तू-पंजा-देवलिंग टिहरी पहुंचकर आपदा प्रभावित क्षेत्र में चल रहे राहत एवं बचाव कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने मलेथी में आपदा प्रभावित परिवार श्रीमती दुर्गा देवी पत्नी विशाल मणि से मुलाकात कर हर संभव मदद का भरोसा दिलाया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि घुत्तू में अतिवृष्टि/बादल फटने से काफी नुकसान हुआ है। कई मकान और मवेशी आपदा की जद में आए हैं। उन्होंने जिला प्रशासन को आपदा प्रभावितों को तत्काल सहायता देने, आपदा संभावित क्षेत्रों में आपदा क्षति का आंकलन करने तथा आपदा से क्षतिग्रस्त पुनर्निर्माण के कार्यों को तत्काल करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि पुनर्निर्माण कार्यों के लिए धन की कमी आड़े नहीं आने दी जाएगी, आपदा से हुए नुकसान की भरपाई जल्द से जल्द करने के प्रयास किए जाएंगे। ग्रामीणों की शिकायत पर घुत्तू हाइड्रो पॉवर से मकानों को हो रहे नुकसान को लेकर मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी को पुनः परीक्षण करवाने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बताया कि 21 अगस्त की रात्रि को हुई अतिवृष्टि से तहसील घनसाली क्षेत्रांतर्गत घुत्तू क्षेत्र में 29 भवनों को क्षति पहुंची है, जिसमें 06 भवन पूर्ण क्षतिग्रस्त तथा 23 भवन आंशिक क्षतिग्रस्त हुए हैं। अभी तक लगभग 09 क्षतिग्रस्त मकानों का 10 लाख से अधिक की धनराशि नियमानुसार अहेतुक एवं मकान क्षति के रूप में दी जा चुकी है।
आंशिक क्षति भवनों के लगभग 20 परिवारों के लोगों को सुरक्षा के दृष्टिगत आपदा राहत शिविरों में रखा गया है, जिनके लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की जा रही है। उन्होंने कहा कि स्थिति सामान्य होने पर यदि कुछ गांवों के विस्थापन की जरूरत होगी तो नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही की जाएगी या जो किराए के घरों में जाना चाहेगा नियमानुसार किराया दिया जायेगा।
उन्होंने कहा कि आपदा से 17 पशु हानि हुई है, जिसमें नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही की जा रही है। लगभग 24 पेयजल लाइनों को क्षति पहुंची है। इसके साथ ही विद्युत लाइनों, सड़क, पुलिया आदि अन्य परिसंपत्तियों को काफी नुकसान पहुंचा है। अभी तक 450 परिवारों की कृषि क्षति का आंकलन कर लिया गया है। 03-04 गांव का सड़क मार्ग से संपर्क कट चुका है, जिनके सुचारू करने की कार्यवाही गतिमान है।
जिलाधिकारी ने बताया कि आपदा से मलेथी, चंदला, गवाणा मल्ला, गवाणा तल्ला, कैलबागी, देवलंग, जोगियाणा, गंगेरी, चक्रगांव, मलेथा, रानीढांग, पंजा, मेंडू सिंधवाल, सांकरी, लोम, समणगांव, मिसवाली, भाट्गांव, अंकवाण गांव, रैतगांव, भेलुन्ता आदि कई गांवों में काफी नुकसान हुआ है।