उत्तराखंड की बेटी का अपमान बना राजनीतिक मुद्दा, अखिलेश की चुप्पी पर उठे सवाल
राजनीति में अक्सर आपसी मतभेदों का फायदा पार्टियाँ उठाती हैं, और ऐसा ही एक मामला समाजवादी पार्टी (सपा) की सांसद डिंपल यादव को लेकर सामने आया है। एक मौलाना द्वारा डिंपल यादव के खिलाफ की गई आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव की चुप्पी पर अब सवाल उठने लगे हैं।
डिंपल यादव का उत्तराखंड से संबंध होने के चलते यह मामला प्रदेश में भावनात्मक मुद्दा बन गया है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट ने इस विषय पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “मुस्लिम वोटों के लालच में अखिलेश यादव को शायद डिंपल यादव के खिलाफ इस्तेमाल किए गए अपशब्दों से फर्क नहीं पड़ता, लेकिन उत्तराखंड की जनता इस अपमान को कतई बर्दाश्त नहीं करेगी।”
महिला सम्मान पर सपा की राजनीति?
उत्तर प्रदेश की महिला कल्याण मंत्री बेबी रानी मौर्या ने भी सपा प्रमुख पर निशाना साधते हुए कहा कि एक महिला सांसद के सम्मान को लेकर मौलाना की अपमानजनक टिप्पणी पर अखिलेश यादव की चुप्पी यह साबित करती है कि वोट बैंक की राजनीति में समाजवादी पार्टी कितनी नीचे गिर सकती है।
उन्होंने कहा कि नई दिल्ली की एक मस्जिद में हुई बैठक के दौरान कुछ मुस्लिम धार्मिक नेताओं ने डिंपल यादव को “राजनीतिक हिंदू महिला” कहकर उनके पहनावे पर भी आपत्तिजनक टिप्पणियाँ कीं। बेबी रानी ने इसे न सिर्फ एक महिला सांसद पर, बल्कि भारतीय नारी गरिमा और संस्कृति पर सीधा हमला बताया।
“राजनीतिक स्वार्थ के लिए पत्नी के अपमान पर भी चुप”
बेबी रानी मौर्या ने तीखा सवाल उठाते हुए कहा, “अखिलेश यादव का इस पूरे मामले पर मौन यह दर्शाता है कि क्या सपा अब महिला सम्मान की परिभाषा मौलवियों से तय करवाएगी? क्या अपनी ही पत्नी और सांसद के अपमान पर सियासी फायदे के लिए चुप रहना तालिबानी मानसिकता का समर्थन नहीं है?”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि विचारधारा चाहे अलग हो, लेकिन एक महिला का अपमान भाजपा को कभी स्वीकार नहीं होगा। “सपा में इतनी भी हिम्मत नहीं बची कि वह अपनी सांसद की गरिमा की रक्षा कर सके।”
यह केवल डिंपल नहीं, भारत की हर बेटी का मुद्दा है
भाजपा नेता ने जोर देकर कहा कि यह मामला केवल डिंपल यादव तक सीमित नहीं है, बल्कि देश की हर बेटी से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कांग्रेस पर भी निशाना साधते हुए कहा कि “लड़की हूं, लड़ सकती हूं” का नारा देने वाली प्रियंका गांधी वाड्रा और राहुल गांधी भी इस मामले पर खामोश हैं।