जनविरोध पर सरकार का सख्त रुख: विरोध वाली शराब दुकानों के लाइसेंस तत्काल प्रभाव से रद्द Dhami government’s big decision in public interest – controversial liquor shops will not be opened in the land of gods.
धामी सरकार का जनहित में बड़ा फैसला — देवभूमि में नहीं खुलेंगी विवादित शराब दुकानें
देहरादून: उत्तराखंड में नई शराब की दुकानों को लेकर हो रहे जनविरोध को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने बड़ा निर्णय लिया है। जिन स्थानों पर शराब की दुकानों का विरोध हो रहा है, वहां के लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिए गए हैं। सरकार ने इस निर्णय में राजस्व की हानि को दरकिनार कर जनहित को प्राथमिकता दी है।
राज्य के आबकारी आयुक्त हरिचंद्र सेमवाल द्वारा जारी आदेश के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2025-26 में वे सभी दुकानें पूरी तरह बंद रहेंगी, जिनका स्थानीय स्तर पर विरोध हो रहा है या जो विरोध के चलते अभी तक शुरू नहीं हो सकीं।
आबकारी नीति के तहत कार्यवाही
आदेश में सभी जिलाधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे आबकारी नीति नियमावली-2025 के नियम 28.1 और 28.4 (ए) के तहत कार्रवाई सुनिश्चित करें। इन नियमों के अनुसार, स्थानीय विरोध की स्थिति में नई शराब दुकानों के लाइसेंस रद्द किए जा सकते हैं।
देवभूमि में शराब के खिलाफ भावनाएं, सरकार ने माना जनमत
राज्य के पहाड़ी क्षेत्रों में शराब की नई दुकानों को लेकर लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे थे। कई स्थानों पर महिलाओं और स्थानीय संगठनों ने खुलकर मोर्चा संभाला था। सरकार ने समय रहते जनभावनाओं को समझते हुए राजस्व हितों की बजाय सामाजिक सरोकारों को महत्व दिया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पहले ही इस विषय पर स्पष्ट कर चुके हैं कि सरकार देवभूमि की सांस्कृतिक गरिमा और जनभावनाओं के विपरीत कोई निर्णय नहीं लेगी। इस फैसले को जनहित में एक साहसिक और संवेदनशील पहल माना जा रहा है।