देहरादून जिला प्रशासन का बड़ा एक्शन: शरणार्थियों की भूमि पर बने अवैध पेट्रोल पंप का लाइसेंस निरस्त
देहरादून, जिलाधिकारी सविन बंसल के नेतृत्व में देहरादून जिला प्रशासन ने अवैध अतिक्रमण और फर्जी दस्तावेजों के खिलाफ एक और सख्त कदम उठाया है। प्रेमनगर, ठाकुरपुर रोड स्थित एक पेट्रोल पंप को फर्जी विक्रय पत्र के आधार पर संचालित पाए जाने पर उसका लाइसेंस निरस्त कर उसे सील कर दिया गया है। यह पंप शरणार्थियों के लिए आवंटित सरकारी भूमि पर पिछले 10 वर्षों से अवैध रूप से संचालित हो रहा था।
जनता दर्शन से शुरू हुई कार्रवाई
इस अवैध कब्जे का मामला हाल ही में जनता दर्शन कार्यक्रम में सामने आया था। शिकायतकर्ताओं द्वारा जिलाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत सामूहिक प्रार्थना पत्र के आधार पर संयुक्त जांच कराई गई। उप जिलाधिकारी सदर और जिलापूर्ति अधिकारी द्वारा की गई जांच में पुष्टि हुई कि केसरी फ्यूलिंग स्टेशन फर्जी विक्रय पत्रों के आधार पर खसरा संख्या 191 की भूमि पर संचालित था, जबकि यह भूमि पाकिस्तानी शरणार्थियों को बसाने के लिए आरक्षित की गई थी।
क्या था मामला?
जांच में सामने आया कि चरनजीत भाटिया नामक व्यक्ति ने इस भूमि पर कूटरचित विक्रय पत्र के जरिए कब्जा कर लिया था और बाद में इसे अपने पुत्र गगन भाटिया को उपहार में दे दिया। हालांकि, जमीन सरकारी मिल्कियत में थी, जो कि रिफ्यूजी कैम्प (शरणार्थी शिविर) के लिए चिह्नित थी।
न्यायालय ने भी माना फर्जीवाड़ा
प्रशासनिक स्तर की जांच के अतिरिक्त, अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) देहरादून की अदालत ने भी वाद संख्या 46/2010-11 में अपने आदेश (दिनांक 24 अक्टूबर 2024) में चरनजीत भाटिया का नाम खारिज कर दिया और भूमि को पुनः सरकार के नाम दर्ज करने का आदेश दिया।
इंडियन ऑयल का NOC भी हुआ रद्द
इन तथ्यों के आधार पर, जिलाधिकारी ने इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड को जारी अनापत्ति प्रमाण पत्र संख्या 31/परि.लि. 2014 (जारी तिथि: 07-02-2014) को भी रद्द कर दिया है।
संदेश साफ: “अवैध को वैध नहीं, विध्वंस करता है जिला प्रशासन”
जिलाधिकारी सविन बंसल ने स्पष्ट संदेश दिया है कि फर्जी दस्तावेजों और सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा करने वालों को किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। इस कार्रवाई से न केवल भूमाफियाओं के खिलाफ सख्त संदेश गया है, बल्कि यह भी स्पष्ट हुआ है कि प्रशासन जनता की शिकायतों को गंभीरता से लेकर त्वरित और निर्णायक कार्रवाई करता है।