देहरादून उत्तराखंड कांग्रेस में एक बार फिर से राजनीतिक लड़ाई खुलकर चौराहे पर देखी जा रही है इस बार वजह पीसीसी सदस्यों की नियुक्ति को लेकर सामने आई है पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के बेटे ने पार्टी को अलविदा कहते हुए इस्तीफा सौंपा है तो वही पिथौरागढ़ के विधायक मयूख महर भी पीसीसी के सदस्य पद से अपना इस्तीफा भेज दिया है वहीं कहीं दूसरे इस्तीफे भी कांग्रेश को भेजे जा रहे हैं
उत्तराखंड में कांग्रेस इन दिनों आपसी विवाद में इस तरह उलझी है कि अब चौराहे पर लड़ाई साफ तौर से देखी जा रही है यह हाल तब है जब उत्तराखंड में कांग्रेस विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है लेकिन कांग्रेसमें इससे भी कोई सबक नहीं लिया अब हालत इस कदर हो गई है कि कांग्रेस को चौराहे पर आईना दिखाते हुए कांग्रेस के ही नेता नजर आ रहे हैं
सूत्र बता रहे हैं कि इसके पीछे सबसे बड़ी वजह चाटुकारिता को लेकर अहम पदों पर बिठाए गए लोगों की ताजपोशी है किसी का विरोध कांग्रेश के वह कार्यकर्ता कर रहे हैं जो जमीनी पकड़ रखते हैं लेकिन उनको साइड लाइन लगाकर सिर्फ चाटुकारिता करने वाले लोगों को कांग्रेसमें अहम पदों पर बैठा दिया गया है इसको लेकर कांग्रेस के अंदर एक बड़ा वर्ग विरोध कर रहा है
पीसीसी सदस्यों की नियुक्ति पर कांगेस में विरोध तेज हो गया। पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह के बेटे अभिषेक चौहान के बाद अब पिथौरागढ़ के विधायक मयूख महर ने भी पीसीसी सदस्य पद से इस्तीफा दे दिया। मयूख का कहना है कि जो लोग अपने बूथ पर ही कांग्रेस को नहीं जिता पाए थे, उन तक को पीसीसी सदस्य का अहम पद दे दिया गया है।
मयूख ने ईमेल के जरिए अपना इस्तीफा भेजा है। संपर्क करने पर उन्होंने इसकी पुष्टि की। कहा कि पीसीसी में सदस्यों के चयन को लेकर वो सहमत नहीं है। जो लोग पात्र नहीं है, उन्हें तक पीसीसी बना दिया गया। इसी प्रकार विधायकों को पीसीसी सदस्य बनाने की भी जरूरत नहीं थी। विधायक तो नियमानुसार पीसीसी के विशेष आमंत्रित सदस्य होते ही हैं।