Friday, June 13, 2025
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मुख्यमंत्री धामी की पहल रंग लाई, कैंची धाम बाईपास निर्माण को मिली वन भूमि हस्तांतरण की सैद्धांतिक स्वीकृति

मुख्यमंत्री धामी की पहल रंग लाई, कैंची धाम बाईपास निर्माण को मिली वन भूमि हस्तांतरण की सैद्धांतिक स्वीकृति Chief Minister Dhami’s initiative bore fruit, as theoretical approval for the transfer of forest land for the construction of the Kainchi Dham bypass has been received.

अब शीघ्र शुरू होगा बाईपास मार्ग का निर्माण, मिलेगा जाम से निजात

देहरादून/नैनीताल:
उत्तराखंड के लोकप्रिय धार्मिक स्थल कैंची धाम तक यातायात को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए प्रस्तावित बाईपास मोटर मार्ग को केंद्र सरकार से वन भूमि हस्तांतरण की सैद्धांतिक स्वीकृति मिल गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पहल पर पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा यह स्वीकृति दी गई है। अब शीघ्र ही बाईपास मार्ग का शेष निर्माण कार्य प्रारंभ होगा।

बढ़ती भीड़ और जाम को देखते हुए बाईपास की थी घोषणा

मुख्यमंत्री ने वर्ष 2023 में एनएच-109 (ई) पर वाहनों की बढ़ती संख्या और जाम की समस्या को देखते हुए कैंची धाम के लिए बाईपास मार्ग निर्माण की घोषणा की थी। लगभग 19 किमी लंबे इस मार्ग में शिप्रा नदी पर एक सेतु का भी निर्माण प्रस्तावित है।

इस परियोजना के प्रथम 8 किमी हिस्से के चौड़ीकरण, डामरीकरण एवं निर्माण के लिए ₹1214.71 लाख की धनराशि पहले ही लोक निर्माण विभाग को जारी की जा चुकी है, और इस पर निर्माण कार्य प्रगति पर है।

वन भूमि के लिए केंद्र से मिली सैद्धांतिक सहमति

मार्ग के शेष 11 किमी हिस्से में वन भूमि आने के कारण, ऑनलाइन प्रस्ताव तैयार कर केंद्र सरकार को भेजा गया था। मुख्यमंत्री द्वारा स्वयं इस प्रस्ताव को लेकर हाल ही में केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री से मुलाकात कर अनुमति का अनुरोध किया गया था। उनके प्रयासों से गुरुवार को आयोजित REC बैठक में वन भूमि हस्तांतरण की सैद्धांतिक सहमति प्रदान की गई।

मुख्यमंत्री का बयान

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा:

“कैंची धाम बाईपास के लिए वन भूमि प्रस्ताव को सैद्धांतिक स्वीकृति मिलने से निर्माण कार्य में तेजी लाई जा सकेगी। इससे श्रद्धालुओं और क्षेत्रीय जनता को यातायात सुविधा मिलेगी और भवाली तथा कैंची धाम क्षेत्र में लगने वाले भीषण जाम से राहत मिलेगी।”


यह परियोजना न केवल धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देगी, बल्कि क्षेत्रीय विकास और स्थानीय लोगों की यातायात सुगमता में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

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