पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आवास पर सीबीआई की छापेमारी, 6000 करोड़ रुपये के महादेव एप घोटाले में जांच छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल के आवास पर बुधवार को सीबीआई (केन्द्रीय जांच ब्यूरो) की टीम ने छापेमारी की। यह कार्रवाई कथित रूप से 6000 करोड़ रुपये के महादेव एप घोटाले के संदर्भ में की जा रही है, जो पिछले कुछ समय से चर्चा में था।
सीबीआई की छापेमारी का संदर्भ
सीबीआई ने रायपुर और भिलाई में बघेल के आवासों के साथ-साथ एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और भूपेश बघेल के करीबी सहयोगी के आवासीय परिसरों पर भी छापेमारी की। इन कार्रवाईयों के दौरान सीबीआई की टीम घर के अंदर जांच कर रही है और बाहर पुलिस फोर्स की तैनाती की गई है। इससे पहले ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने भी भूपेश बघेल के घर पर छापेमारी की थी, जो कथित शराब घोटाले से जुड़ी हुई थी।
भूपेश बघेल का बयान
सीबीआई की छापेमारी के संबंध में भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “अब सीबीआई आई है। आगामी 8 और 9 अप्रैल को अहमदाबाद में होने वाली AICC की बैठक के लिए ‘ड्राफ्टिंग कमेटी’ की मीटिंग के लिए आज भूपेश बघेल का दिल्ली जाने का कार्यक्रम था, लेकिन उससे पहले ही सीबीआई रायपुर और भिलाई के मेरे निवास पहुंच चुकी है।”
कांग्रेस और भाजपा के बीच बयानबाजी
इस छापेमारी को लेकर कांग्रेस ने भाजपा पर आरोप लगाया है। कांग्रेस नेता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा, “भूपेश बघेल का आज दिल्ली जाने का कार्यक्रम था, लेकिन भाजपा ने खलल डालने के लिए सीबीआई की टीम भेजी है। भाजपा बौखला गई है, क्योंकि वह राजनीतिक रूप से कांग्रेस से मुकाबला नहीं कर पा रही है।”
महादेव एप घोटाला
महादेव एप घोटाला एक बड़े वित्तीय घोटाले के रूप में सामने आया है, जिसमें कथित तौर पर 6000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई थी। इस एप के माध्यम से लाखों रुपये का लेन-देन किया गया था और इस मामले में सीबीआई और ईडी ने सक्रिय रूप से जांच शुरू कर दी है।
पिछली छापेमारी
इससे पहले, ईडी ने 10 मार्च 2024 को छत्तीसगढ़ में कथित शराब घोटाले को लेकर भूपेश बघेल के बेटे और उनके करीबी सहयोगियों के परिसरों पर छापेमारी की थी। यह घटनाएं भूपेश बघेल के खिलाफ चल रही विभिन्न जांचों का हिस्सा हैं और राजनीतिक स्तर पर भी इन्हें लेकर बयानबाजी तेज हो गई है।
निष्कर्ष
भूपेश बघेल के आवास पर सीबीआई की छापेमारी ने छत्तीसगढ़ में राजनीतिक हलचल को बढ़ा दिया है। जहां एक ओर कांग्रेस इसे भाजपा की राजनीतिक प्रतिशोध की कार्रवाई मान रही है, वहीं भाजपा इसे कानून व्यवस्था और जांच की प्रक्रिया के तहत सही कदम बता रही है। इस मामले में आगे क्या घटनाक्रम होता है, यह देखना होगा, क्योंकि यह पूरे राज्य और देश के राजनीतिक परिदृश्य को प्रभावित कर सकता है।