नई दिल्ली: उत्तराखंड के मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने मंगलवार को रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और कार्यकारी सतीश कुमार से राज्य में प्रस्तावित पांच महत्वपूर्ण रेल परियोजनाओं पर चर्चा की। इस दौरान उन्होंने गंगोत्री-यमुनोत्री और टनकपुर-बागेश्वर रेल परियोजनाओं की प्रगति की जानकारी दी और बताया कि इन दोनों परियोजनाओं की Detailed Project Report (DPR) तैयार हो चुकी है। उन्होंने रेलवे बोर्ड से इन डीपीआर को जल्द अनुमोदित करने और कार्य प्रारंभ करने की मांग की।
इसके अलावा, आनंद बर्द्धन ने मेरठ से हरिद्वार तक रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) के विस्तार की संभावनाओं पर भी विचार-विमर्श किया। यह परियोजना राज्य के विकास के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकती है, क्योंकि इससे यात्रा की गति में सुधार होगा और पर्यटकों तथा स्थानीय जनता को बेहतर परिवहन सुविधाएं मिलेंगी।
उत्तराखंड में इन परियोजनाओं के कार्यान्वयन से न केवल राज्य के विकास में तेजी आएगी, बल्कि पर्यटन, व्यापार और अन्य क्षेत्रों में भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। राज्य सरकार रेलवे बोर्ड के साथ मिलकर इन योजनाओं को जल्द लागू करने की दिशा में काम कर रही है, ताकि राज्य के नागरिकों को बेहतर और सुरक्षित यातायात सुविधाएं मिल सकें।
उत्तराखंड के मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष सतीश कुमार से मुलाकात के दौरान राज्य में प्रस्तावित पांच प्रमुख रेल परियोजनाओं का मुद्दा उठाया। उन्होंने जानकारी दी कि इन परियोजनाओं में से तीन प्रस्तावित हैं, जबकि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग सहित दो परियोजनाओं पर वर्तमान में काम चल रहा है।
मुख्य सचिव ने विशेष रूप से गंगोत्री-यमुनोत्री और टनकपुर-बागेश्वर रेल परियोजनाओं पर जोर दिया। गंगोत्री-यमुनोत्री रेल परियोजना की कुल दूरी 121.76 किमी है और इसमें 10 स्टेशन होंगे। इसका सर्वेक्षण कार्य पूरा हो चुका है और Detailed Project Report (DPR) रेलवे बोर्ड को उपलब्ध करा दी गई है। अब इस परियोजना पर अनुमोदन का इंतजार है।
वहीं, टनकपुर-बागेश्वर रेल परियोजना की कुल दूरी 170.70 किमी है और इसमें 12 स्टेशन होंगे। इसका सर्वेक्षण कार्य भी पूरा हो चुका है और डीपीआर रेलवे बोर्ड को सौंप दी गई है, जिस पर अनुमोदन की प्रतीक्षा की जा रही है।
इसके अलावा, देहरादून-सहारनपुर रेल परियोजना की कुल दूरी 92.60 किमी है और इसमें आठ स्टेशन होंगे। इस परियोजना का सर्वेक्षण कार्य अभी चल रहा है, और इसके पूरा होने के बाद डीपीआर को रेलवे बोर्ड को प्रस्तुत किया जाएगा।
मुख्य सचिव ने रेलवे बोर्ड से इन परियोजनाओं की शीघ्र मंजूरी का अनुरोध किया, ताकि राज्य के रेल नेटवर्क का विस्तार किया जा सके और यात्रा सुविधाओं में सुधार हो सके। इन परियोजनाओं से न केवल उत्तराखंड में यातायात का स्तर बेहतर होगा, बल्कि पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा।